राजनयिकों के दौरे के बाद बोला EU, जम्मू-कश्मीर में जल्द कराए जाएं विस चुनाव

punjabkesari.in Saturday, Feb 20, 2021 - 11:42 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः 24 विदेशी राजनयिकों के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे के बाद यूरोपीय यूनियन (EU) ने शुक्रवार को कहा कि उसने जम्मू-कश्मीर में जिला परिषद चुनाव (डीडीसी) और 4जी इंटरनेट सेवाओं की बहाली जैसे हाल में उठाए गए कदमों का संज्ञान लिया है और उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव कराने सहित अन्य कदम जल्द उठाए जाएंगे। भारत विदेशी राजनयिकों के जम्मू-कश्मीर दौरे के जरिए पाकिस्तान के आतंकी भूमिका की पोल खोलना चाहता है।

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24 देशों के राजनयिकों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा कर यहां हो रहे विकास कार्यों व जमीनी हकीकत का जायजा लिया। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि विदेशी राजनयिकों ने श्रीनगर स्थित चिनार कॉर्प्स हेडक्वार्टर का दौरा किया। यहां उन्हें जम्मू-कश्मीर की मौजूदा सुरक्षा स्थितियों के साथ ही बाहरी खतरों की भी जानकारी दी गई। भारत की तरफ से पाकिस्तान द्वारा कथित मानवाधिकार हनन को लेकर चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान की भी हवा निकाली गई। यहां बताया गया कि पाकिस्तान कैसे सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

 

 दल में शामिल इरीट्रिया के राजदूत एलेम शाव्ये ने उप राज्यपाल से मुलाकात की थी। शाव्ये ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में बदलाव नजर आता है। शाव्ये ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर का राजनयिक दौरा ‘आंखें खोलने’ वाला है और दौरे से केंद्र शासित प्रदेश से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर समझ बेहतर हुई है। जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा हालिया कदम उठाए जाने के बाद यूरोपीय यूनियन के अधिकारी ने कहा, ''हम विधानसभा चुनाव कराने समेत राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में उठाए जाने वाले कई अन्य महत्वपूर्ण कदमों का इंतजार कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि ऑनलाइन और ऑफलाइन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार लोकतंत्रों के लिए महत्वपूर्ण मूल्य है।

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अधिकारी ने आगे बताया कि हम इस मामले में भारत के साथ बातचीत जारी रखने के लिए तत्पर हैं। इस पर केंद्र सरकार ने कहा है कि परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जम्मू और कश्मीर में चुनाव होंगे। पिछले साल के अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, ''जैसे ही परिसीमन प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी, भविष्य में जम्मू-कश्मीर में चुनाव होंगे ताकि केंद्र शासित प्रदेश की अपनी सरकार हो, जो नए जोश के साथ विकास कार्य कर सके।''

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गुरुवार को समाप्त हुई दो दिवसीय यात्रा पर बोलते हुए कुछ राजनयिकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मूल्यांकन करने के लिए यह यात्रा बहुत संक्षिप्त थी। हालांकि स्थिति में सुधार के संकेत मिले हैं। राजनयिकों ने भी कहा कि ज्यादातर जिन जमीनी राजनेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और व्यापारियों ने उनके साथ बातचीत की थी । यूरोपीय यूनियन के राजनयिकों के अलावा, दौरे में बेल्जियम, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, इटली, आयरलैंड, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन और स्वीडन के राजदूत भी शामिल थे। शेष राजदूत बांग्लादेश, ब्राजील, चिली, क्यूबा, घाना, किर्गिज़ गणराज्य और मलेशिया जैसे विभिन्न देशों से थे।

 

 


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Content Writer

Tanuja

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