बालाकोट हमलों-गलवान घाटी झड़प के बाद वायुसेना का जोर अपनी क्षमता बढ़ाने पर : वायु सेना प्रमुख

punjabkesari.in Tuesday, Aug 10, 2021 - 07:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क: वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने मंगलवार को कहा कि सटीकता के साथ लक्ष्यों को भेदने, परिसंपत्ति की रक्षा करने और नयी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने के संदर्भ में भारतीय वायु सेना की क्षमताएं बालाकोट हवाई हमले के बाद काफी बढ़ी है। वायु सेना प्रमुख ने एक प्रमुख थिंक टैंक में अपने संबोधन में कहा कि पश्चिमी और उत्तरी मोर्चों पर तेजी से प्रतिक्रिया करने, तेजी से जवाब देने और तेजी से हमला करने में भारत के पास अब ‘‘बढ़त'' हासिल है। उन्होंने कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों को वायु सेना के बेड़े में शामिल किये जाने से अभियानगत कायापलट के ‘‘अगले मुकाम'' को हासिल करने में मदद की है।

जम्मू एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले के बारे में उन्होंने कहा कि वायु सेना इस तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए अगली पीढ़ी के ‘जैमर' खरीदने सहित कई सारी पहल कर रही है और कहा कि यदि यह हमला दो-तीन महीने बाद किया जाता तो यह संभव नहीं होता। मई में इजराइल और हमास के बीच 11 दिन के टकराव का हवाला देते हुए वायु सेना प्रमुख ने कहा कि इजराइल ने चरमपंथी समूह के खिलाफ गाजा में अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सर्जिकल सटीकता के साथ अभियान चलाया था। साथ ही, उसने न्यूनतम नुकसान सुनिश्चित करते हुए ऐसा किया था जो उसकी वायु सेना की क्षमताओं के चलते हो पाया था।

वायु सेना की भूमिकाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया में कहा कि आम धारणा यह है कि इसे सिर्फ आक्रामक भूमिका पर ध्यान देना चाहिए और कुछ परिस्थितयों में इसके इस्तेमाल को ‘‘ना'' कहने की आम प्रवृत्ति है। उन्होंने कहा कि परिप्रेक्ष्य और परिदृश्य बदल गये हैं और इसे ध्यान में रखने की जरूरत है। उन्होंने वायु सेना की तैयारियों के बारे में कहा कि गलवान घाटी झड़प के बाद साइबर सुरक्षा क्षेत्र सहित अभियानगत कायापलट के अगले मुकाम को हासिल करने पर जोर है और उनका बल अपनी इस कोशिश में काफी सफल रहा है। एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा कि वायु सेना को आज जो ‘‘बढ़त'' हासिल हुई है, वह इसके हथियारों, प्रशिक्षण के स्तर, प्लेटफार्म नेटवर्क माहौल और ‘‘तेजी से प्रतिक्रिया करने, तेजी से जवाब देने और तेजी से हमला करने'' की उसकी क्षमता के संयोजन से आए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों ही परिदृश्यों में आज हमारे पास यह बढ़त है, चाहे वह पश्चिमी मोर्चा हो या फिर उत्तरी मोर्चा हो।'' उन्होंने कहा कि यह ‘‘कायापलट'' बालाकोट हवाई हमलों और पूर्वी लद्दाख जैसे घटनाक्रमों से शुरू हुआ तथा अब इसे वायु सेना अगले मुकाम पर ले गई है। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान ने वायु सेना की संपूर्ण आक्रामक शक्ति बढाने में मदद की। ‘‘यह एक मुकाम है या हम जहां थे उससे डेढ़ गुना आगे हैं।'


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Content Editor

rajesh kumar

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