मणिपुर के बाद अब गोवा और उत्तराखंड में पुराने चेहरों पर दांव खेलेगी बीजेपी?

punjabkesari.in Sunday, Mar 20, 2022 - 05:38 PM (IST)

नेशनल डेस्कः पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में भाजपा ने जबरदस्त जीत हासिल की है लेकिन भाजपा की नवनिर्वाचित सरकारों का अभी शपथग्रहण नहीं हुआ है। राजधानी दिल्ली में भाजपा नेताओं के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है। मणिपुर, गोवा, उत्तराखंड में किसको कमान दी जाए इस पर मंथन चल रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का नाम लगभग तय माना जा रहा है।

मणिपुर में रविवार को विधायक दल की बैठक हुई, इस बैठक में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को विधायक दल का नेता चुना गया। बीरेन दूसरी बार मणिपुर के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। मणिपुर में एन बीरेन सिंह को चेहरा नहीं बनाया गया था इससे कयास लगाए जाने लगे थे कि राज्य में चेहरा बदला जा सकता है लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर उनपर भरोसा जताया है। बता दें कि मणिपुर में 60 में से 32 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। पिछले दिनों एन बीरेन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी से दिल्ली में मुलाकात की थी, इससे लगभग साफ हो गया था कि वो ही दोबारा मणिपुर के मुख्यमंत्री बनेंगे।

गोवा में अभी स्थिति साफ नहीं
उधर, गोवा में नई सरकार के गठन को लेकर भाजपा विधायक दल की बैठक अभी हुई नहीं है। इस बीच, तटीय राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और पार्टी के उनके सहयोगी नेता विश्वजीत राणे ने शनिवार शाम नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सावंत और राणे को गोवा के मुख्यमंत्री पद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। भाजपा सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि राणे हाल-फिलहाल में मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं।

गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए हाल ही में संपन्न चुनाव में भाजपा ने सर्वाधिक 20 सीटों पर जीत दर्ज की है। महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के दो विधायकों और तीन निर्दलियों के समर्थन जताने से भाजपा के लिए गोवा में सरकार बनाने का रास्ता आसान हो गया है। हालांकि, पार्टी ने राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा फिलहाल पेश नहीं किया है।

भाजपा संसदीय बोर्ड ने अभी औपचारिक रूप से गोवा के अगले मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की है। पार्टी ने मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया के पर्यवेक्षण और अगली सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर और एल मुरुगन को क्रमशः पर्यवेक्षक और सह-पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। सावंत ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर अगली सरकार के गठन पर चर्चा की थी। उनके साथ भाजपा के गोवा चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस, गोवा डेस्क प्रभारी सीटी रवि, तनवडे और पार्टी के राज्य महासचिव (संगठन) सतीश धोणे भी प्रधानमंत्री से मिले थे।

उत्तराखंड में धामी का नाम सबसे आगे
उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला सोमवार को देहरादून में होने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल की बैठक में हो जाएगा। सूत्रों की मानें तो इस दौड़ में कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सबसे आगे हैं। इस पहाड़ी प्रदेश में चुनावी नतीजे आने के बाद ही भाजपा की सरकार बननी तय हो गयी थी लेकिन 10 दिनों तक सरकार गठन को लेकर पार्टी में शीर्ष स्तर पर चली कवायद के बाद भी आधिकारिक रूप से यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। बहरहाल, यह कवायद रविवार को अंतिम दौर की ओर पहुंचती दिखाई दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।

पार्टी के शीर्ष नेताओं ने इस बैठक में प्रदेश भाजपा के नेताओं से भावी मुख्यमंत्री के नाम को लेकर रायशुमारी की। इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, संगठन महासचिव बी एल संतोष और राज्य के केंद्रीय चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी मौजूद थे। इन नेताओं ने धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से भावी मुख्यमंत्री के नाम पर विचार विमर्श किया।

हार के बावजूद धामी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। शाह के आवास पर जारी बैठक में धामी की मौजूदगी भी इसका संकेत करती है। कई विधायकों ने धामी के लिए अपनी सीट खाली करने का प्रस्ताव दिया है। पार्टी के धामी के नाम पर मुहर लगाने का फैसला करने की एक और बड़ी वजह यह हो सकती है कि उसे पिछले कार्यकाल में बेहद कम समय में दो मुख्यमंत्रियों को बदलने के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। बता दें कि भाजपा ने उत्तराखंड में 'उत्तराखंड फिर मांगे, मोदी-धामी की सरकार' के नारे के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा था। धामी के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की संभावना ज्यादा है, क्योंकि वह न केवल युवा और ऊर्जावान हैं, बल्कि भाजपा ने पहाड़ी राज्य में उनके नाम पर चुनाव लड़ा था और शानदार जीत दर्ज की।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News