अफगान उपराष्ट्रपति ने पाक को फिर किया शर्मिंदा, भारत से जुड़ी तस्वीर शेयर कर बोलती की बंद
punjabkesari.in Thursday, Jul 22, 2021 - 05:12 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने एक बार फिर पाकिस्तान को शर्मसार किया है इस बार उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने भारत से जुड़ी एक तस्वीर शेयर कर पाक की बोलती बंद की है। सालेह ने हाल ही में एक ट्वीट के जरिए पाकिस्तान पर तंज कसा है। सालेह ने ट्विटर पर भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद 1971 में पाकिस्तान द्वारा समर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की तस्वीर पोस्ट की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में ऐसी तस्वीर नहीं है और न आने वाले वक्त में ऐसी तस्वीर देखने को मिलेगी।
We don't have such a picture in our history and won't ever have. Yes, yesterday I flinched for a friction of a second as a rocket flew above & landed few meters away. Dear Pak twitter attackers, Talibn & terrorism won't heal the trauma of this picture. Find other ways. pic.twitter.com/lwm6UyVpoh
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) July 21, 2021
गौरतलब है कि अफगानिस्तान लगातार कहता आ रहा है कि पाकिस्तान अपने यहां तालिबान को शरण देता आ रहा है जिस वजह से उनके देश को खासा नुकसान पहुंच रहा है। अफगानी उपराष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा, ‘डियर पाकिस्तानी ट्विटर ट्रोलर्स, तालिबान और आतंकवाद इस तस्वीर से तुम्हें मिलने वाली चोट को ठीक नहीं करने वाला है। इसके लिए अन्य तरीकों को ढूंढों। हां, कल मैं एक सेंकेड के लिए हिल गया था, क्योंकि हमारे ऊपर से एक रॉकेट उड़ा था और कुछ मीटर दूर लैंड हुआ।’ वो ईद के दिन काबुल में हुए हमलों की बात कर रहे थे।
बता दें कि अमरुल्लाह सालेह लगातार पाकिस्तानी सेना द्वारा स्पिन बोल्डक क्षेत्र में तालिबान को समर्थन दिए जाने को लेकर ट्वीट करते आ रहे हैं। सालेह ने तालिबान के हमले में स्पिन बोल्डक में भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी के मारे जाने से एक दिन पहले 15 जुलाई को ट्वीट किया, ‘अगर किसी को पाक वायु सेना और पाक सेना की अफगानिस्तान की ओर से स्पिन बोल्डक को वापस न लेने की चेतावनी वाले मेरे ट्वीट पर संदेह है तो मैं सबूत देने के लिए तैयार हूं। स्पिन बोल्डक से 10 किमी दूर ही अफगान विमानों को पीछे हटने या हवाी हमले का सामना करने की चेतावनी दी गई। ’
क्या है तस्वीर में ?
1971 के युद्ध के बाद बांग्लादेश के रूप में एक नया देश बना। इस दौरान पाकिस्तान को सार्वजनिक रूप से भारतीय सेना और बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी की संयुक्त सेना के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा था। ये द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था। 13 दिनों तक चले युद्ध के बाद पाकिस्तान के जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाजी ने 93000 सैनिकों के साथ 16 दिसंबर को ढाका में आत्मसमर्पण किया और समर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे।