बालिग लड़की को अपनी मर्जी से विवाह करने का पूरा हक, मां-बाप समझें इस बात को: दिल्ली हाई कोर्ट

punjabkesari.in Thursday, Nov 26, 2020 - 12:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस से कहा कि वह अपनी मर्जी से घर छोड़कर जाने वाली और अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करने वाली 20 साल की युवती के अभिभावकों की काउंसलिंग करें और उन्हें समझाए कि वह बेटी-दामाद को धमकाएं नहीं और ना ही कानून अपने हाथ में लें। उच्च न्यायालय ने कहा कि बालिग होने के कारण युवती को अधिकार है कि वह जहां चाहे और जिसके साथ चाहे, रह सकती है। 

 

लड़की जिसके साथ चाहे रह सकती है 
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने निर्देश दिया कि युवती को पति के साथ रहने की अनुमति है। अदालत ने पुलिस से उसे व्यक्ति के घर ले जाने को कहा। पीठ ने कहा कि (युवती) बालिग होने के कारण जहां चाहे, जिसके साथ चाहे रह सकती है। इसलिए हम निर्देश देते हैं कि युवती को वादी संख्या 3 (व्यक्ति) के साथ रहने की अनुमति है। हम पुलिस प्रशासन को निर्देश देते हैं कि वह युवती को व्यक्ति के घर छोड़कर आए।

 

बेटी-दामाद के अभिभावकों की काउंसलिंग करे पुलिस
पीठ ने पुलिस से कहा कि वह युवती के माता-पिता और बहन को समझाए कि वे ‘‘कानून अपने हाथ में ना लें और युवती या युवक को धमकी ना दें। अदालत ने कहा कि युवती और उसके पति को उनके निवास स्थान के संबंधित थाना क्षेत्र के एक अधिकारी का मोबाइल नंबर दिया जाए ताकि वे जरुरत पड़ने पर पुलिस से संपर्क कर सकें। अदालत ने युवती की बहन द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया।


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vasudha

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