ऑफ द रिकॉर्डः प्रति यात्री शुल्क आधार पर अडानी समूह ने इस साल खरीदे 5 हवाई अड्डे
punjabkesari.in Thursday, Dec 05, 2019 - 04:48 AM (IST)
नेशनल डेस्कः सरकार द्वारा हवाई अड्डों के निजीकरण की नीति अपनाने के बाद अडानी समूह ने इस साल 6 हवाई अड्डों में से 5 खरीद कर रिकार्ड जीत हासिल की और अब छठे को खरीदने की तैयारी में है। यह मोदी सरकार की नीति ही है कि अब अडानी समूह सबसे पसंदीदा बन गया है। लखनऊ, अहमदाबाद, त्रिवेंद्रम, मंगलुरू और जयपुर हवाई अड्डों को खरीदने के बाद अडानी समूह ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ दिया था।
दिलचस्प बात यह है कि कानूनी जटिलताओं के कारण गुवाहाटी हवाई अड्डे के लिए बोली अभी तक नहीं खोली गई है। अन्यथा, अडानी एंटरप्राइजेज ने सभी 6 हवाई अड्डों को खरीद लिया होता। वहीं मोदी सरकार ने निजी क्षेत्र को देने के लिए 6 और हवाई अड्डों पर तेजी से काम शुरू कर दिया है लेकिन विषय यह है कि क्या सरकार निजीकरण के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को चरमरा देना चाहती है? भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (ए.ए.आई.) ने बिक्री के लिए 6 और हवाई अड्डे खोले हैं। ये अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और त्रिची हैं।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की यह सिफारिश उस समय सामने आई है जब केंद्र सरकार ने पहले ही फरवरी 2019 में पी.पी.पी. मॉडल के माध्यम से संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरू, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी जैसे हवाई अड्डों का निजीकरण कर दिया है। ए.ए.आई. ने पिछले माह निर्णय लिया और यह सिफारिश नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेजी थी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत काम करने वाला ए.ए.आई. देश भर में 100 से अधिक हवाई अड्डों का मालिक है और उनका प्रबंधन करता है।
दिल्ली, मुम्बई, हैदराबाद, चेन्नई और अन्य प्रमुख हवाई अड्डे पहले से ही निजी हाथों में हैं। इस साल की शुरूआत में अडानी समूह ने सभी 5 हवाई अड्डों के लिए अनुबंध हासिल किया। ए.ए.आई. ने प्रति-यात्री शुल्क के आधार पर विजेता चुना था। यदि अडानी समूह जीतता है, तो यह न केवल गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह के लिए बल्कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (ए.ए.आई.) के लिए भी अच्छा होगा, जो इन हवाई अड्डों के लिए एक अलग राजस्व सांझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करेगा। दिल्ली, मुम्बई, बेंगलूर, हैदराबाद और अन्य शहरों में इसके अन्य संयुक्त उपक्रम हैं।