अभिजीत बनर्जी वामपंथी विचारधारा के, भारत की जनता ने उनकी सोच को नकारा- पीयूष गोयल

punjabkesari.in Friday, Oct 18, 2019 - 07:18 PM (IST)

नेशनल डेस्कः अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले अभिजीत बनर्जी के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी अलग-अलग राय रखती हैं। कांग्रेस जहां अभिजीत बनर्जी की तारीफ करते नहीं थक रही है, वहीं भाजपा के नेता लगातार अभिजीत बनर्जी के विचारों की मुखालफत कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा, “अभिजीत बनर्जी को नोबल पुरस्कार मिला है, उनको बधाई देता हूं, लेकिन उनकी समझ के बारे में तो आप सब जानते हैं। उनकी जो सोच है, वह पूरी तरह से वामपंथ विचारधार से प्रेरित है। उन्होंने ‘न्याय’ का बड़ा गुणगान गाए थे। भारत की जनता ने पूरी तरह से उनकी सोच को नकार दिया है।


बता दें कि अभिजीत बनर्जी को प्रधानमंत्री मोदी भी बधाई दे चुके हैं। हालांकि अभिजीत ने नोबल पुरस्कार मिलने के तत्काल बाद कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था बेहद खराब दौर से गुजर रही है। अगर तत्काल इस संभाला नहीं गया, तो इसके बेहद बुरे परिणाम होंगे।

उधर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अर्थशास्त्र के लिए पुरस्कार प्राप्त करने वाले अभिजीत बनर्जी, एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर को बधाई दी। मुंबई में जन्मे बनर्जी ने हावर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि हासिल की और वह मैसाचुसेट्स मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं।

बनर्जी को बधाई देते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बयान में कहा, 'शानदार उपलब्धि से अपने मूल देश को गौरवान्वित करने वाले प्रोफेसर बनर्जी और उनके साथ काम करने वाले सहयोगियों ने वैश्विक दरिद्रता हटाने के लिए प्रायोगिक रुख अपनाया, जिससे भारत समेत वैश्विक स्तर पर लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद मिली।' सोनिया गांधी ने कहा कि बनर्जी को नोबेल मिलने से हर भारतीय को खुशी हुई है।

हालांकि उनके बेटे और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस अवसर का प्रयोग राजनीति के लिए करने से नहीं चूके। उन्होंने बनर्जी के बधाई देते हुए कहा वह बनर्जी थे, जिन्होंने 'न्याय को धरातल पर उतारने में मदद की थी।' देशवासियों को न्यूनतम आय की गारंटी देने वाली 'न्याय योजना' कांग्रेस की ओर से किया गया चुनावी वादा था, जिसका पार्टी को वांछित परिणाम नहीं मिला।

राहुल गांधी ने कहा, 'इसके बदले हमारे पास मोदीनोमिक्स है, जो अर्थव्यवस्थ को बर्बाद कर रही है और गरीबी को बढ़ा रही है।' भारतवंशी एमआईटी प्रोफेसर बनर्जी, उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और हवार्ड के प्रोफेसर माइकल क्रेमर को गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में उनके कार्य के लिए 2019 के नोबेल पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इसकी घोषणा सोमवार को की गई।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News