हरियाणा में 80 प्रतिशत से अधिक गांवों को मिल रही 24 घंटे बिजली

punjabkesari.in Friday, Nov 18, 2022 - 07:37 PM (IST)


चंडीगढ़, 18 नवंबर - (अर्चना सेठी) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यहां हरियाणा विद्युत नियामक आयोग द्वारा आयोजित विनियामक मंच (फोर्म ऑफ रेगुलेटर्स) की 83वीं बैठक में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस अवसर पर अन्य राज्यों से आए हुए विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्षों व सदस्यों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में हरियाणा ने बिजली के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है, जिसकी बदौलत आज हरियाणा बिजली के मामले में देशभर में अग्रणी राज्यों में शामिल हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव को 24 घंटे बिजली प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने वर्ष 2016 में कुरुक्षेत्र से म्हारा गांव - जगमग गांव योजना की शुरुआत की। आज राज्य में 5680 गांवों लगभग 80 प्रतिशत गांवों को 24 घंटे बिजली मिल रही है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ प्रांतों में फ्री बिजली देने की शुरुआत हुई है, लेकिन हमने इस अवधारणा को नकारा है, क्योंकि फ्री इलेक्ट्रिसिटी इज नो इलेक्ट्रिसिटी। इससे न तो उपभोक्ताओं का भला होता है और न ही सरकार का। हरियाणा के लोगों ने भी इस बात को समझा है और वे सरकार का पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने हरियाणा में चली आ रही बिजली के बिल न भरने की प्रथा पर करारा प्रहार किया। वर्ष 2015 में बाढ़डा में एक जन रैली के दौरान वहां के नागरिकों से बिजली के बिल भरने की अपील की और यही संदेश प्रदेशभर के नागरिकों तक पहुंचाया। इस पहल में लोगों ने भी हमारा सहयोग किया और आज हरियाणा बिजली क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है।

उन्होंने कहा कि बिजली क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार ने ओवरचार्ज माफ कर उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाई। इतना ही नहीं, डिफॉल्ट हो चुके उपभोक्ताओं को बिजली बिलों की मूल राशि का किस्तों में भुगतान करने का विकल्प प्रदान किया गया और करोड़ों रुपये का ब्याज व सरचार्ज भी माफ किया गया। राज्य सरकार द्वारा किए गए पहलों के बल पर ही पिछले 2 साल में एनर्जी एफिशिएंसी रैंक में हरियाणा शीर्ष राज्यों में शामिल हुआ है।

सरकार ने पिछले 8 सालों में बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की, बल्कि बिजली की दरों को घटाकर लोगों को राहत पहुंचाई है। एफएसए 37 पैसे था, जो हमने समाप्त कर दिया। इतना ही नहीं, बिजली की दर 150 यूनिट तक 4.50 रुपये प्रति यूनिट थी, जिसमें हमने कमी की और 200 यूनिट तक 2.50 रुपये प्रति यूनिट तथा 50 यूनिट तक मासिक बिजली खपत करने पर 2 रुपये प्रति यूनिट की दर निर्धारित की। सरकार की सोच है कि 50 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को और रियायत पहुंचाई जा सके, ताकि गरीब परिवारों को राहत मिल सके। इसके लिए सरकार विद्युत नियामक आयोग से इस प्रस्ताव पर चर्चा करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में राज्य में लाइन लॉस 29 प्रतिशत थे, जो आज घटकर 14 प्रतिशत पर आ गए हैं। इससे लगभग 6 हज़ार करोड़ रुपये की बचत हुई है। सरकार और बिजली निगमों के प्रयासों से आज हरियाणा के चारों बिजली निगम लाभांश की स्थिति में है। सरकार ने बिजली की चोरी रोकने व लाईन लॉस कम करने तथा मीटरिंग व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर बल दिया है।

बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ढांचागत विकास पर भी काम किया गया है। अक्टूबर 2014 से अब तक प्रसारण नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए 3679 करोड़ रुपये की लागत से 57 नए सब-स्टेशनों की स्थापना की गई तथा 522 सब-स्टेशनों की क्षमता में वृद्धि की गई। प्रदेश में 50 हजार नये ट्रांसफार्मर लगाए गए। इसके अलावा, 1895 किलोमीटर की प्रसारण लाईनें भी जोड़ी गई। इतना ही नहीं, घरों, कॉलोनियों, तालाबों तथा स्कूल के ऊपर से गुजरने वाली 2539 खतरनाक लाईनों को हटाया गया है, ताकि कोई भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में तो पंजाब तथा हरियाणा में लगभग फ्री बिजली दी जा रही है। लेकिन हमने सौर ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया है। इसके तहत, 30 हज़ार सोलर कनेक्शन दिए जा चुके हैं तथा 50 हज़ार और सोलर कनेक्शन देने का काम चल रहा है। कुल 1 लाख सोलर कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सौर ऊर्जा के उपयोग से यह परिणाम हुआ कि जहां पहले बिजली पर कुल 7200 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में दिए जाते थे, वहीं आज 5500 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में दिए जाते हैं। इसके अलावा, सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए रूफटॉप सोलर पॉलिसी को लागू किया है।

 


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News Editor

Archna Sethi

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