पंजाब की डा. तनुजा तनु सहित दुनिया की 50 महिलाएं सरस्वती बाई दादा साहेब फालके अवार्ड से सम्मानित

punjabkesari.in Thursday, Dec 24, 2020 - 05:36 PM (IST)

 मुंबईः मुंबई की अमर सिने प्रोडक्शन द्वारा IAWA के सहयोग से 20 दिसंबर को "सरस्वती बाई दादा साहेब फाल्के (SDP) वुमेन अचीवर्स अवार्ड 2020 सीजन-2 का वर्चुअल आयोजन किया गया। कोरोना महामारी के चलते इस वर्चुअल इवेंट में दुनिया की 50 सशक्त महिला शख्सीयतों को इस सम्मानीय पुरस्कार से नवाजा गया। इस महत्वपूर्ण सम्मान को हासिल करने वाली महिलाओं में पंजाब के जालंधर की डा. तनुजा का नाम भी शामिल है। कार्यक्रम के मुख्यातिथि थे मशहूर भजन गायक अनूप जलोटा, दादा साहेब फाल्के के पोते चंद्रशेखर पल्सेकर, अमेरिका के प्रो. मधुकृष्णन और ह्यूमन राइट्स सोशन जस्टिस कौंसिल ग्लोबल के एग्जक्टिव डायरैक्टर एम.आई. जरगर। अवार्ड शो की आयोजक व IAWA NGO की संस्थापक डा. दलजीत कौर ने बताया कि यह अवार्ड उन महिलाओं को दिया जाता है जिन्होंने जीवन की हर कठिनाई का सामना करते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ समाज में एक नई मिसाल कायम की।

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इस पुरस्कार के लिए दुनिया भर से मिली 300 प्रविष्टियों में से 50 महिलाओं को चुना गया है जिनमें लंदन, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, कनाडा, सिंगापुर बांग्लादेश, अमेरिका और भारत की जानी-मानी हस्तियां शामिल हैं।  अवार्ड हासिल करने वालों में अमेरिका की जैसी कौर, मॉरिशस से वेनिशा, सोहानी हुसेन बांगलादेश, नीता त्रिपाठी मुंबई,  प्रसिद्ध एक्ट्रेस नीलू कोहली, मनीपुर से कोनिका व सिल्विया और  कर्नाटका की डा. मंजुला के नाम उल्लेखीय हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब की डा. तनुजा तनु की हिम्मत भी उन सभी महिलाओं के लिए मिसाल है जिन्होंने विकलांगता व एकाकी जीवन के साथ हर मुश्किल का हंसते हुए सामना किया और समाज में एक प्रतिष्ठित स्थान हासिल किया।   उन्होंने बताया कि दादा साहेब फाल्के पुरस्कार सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है जो एक अभिनेता या कलाकार को मिलता है लेकिन उन्होंने इस अवार्ड का नाम महिला शक्ति को समर्पित करते हुए उनकी पत्नी सरस्वतीबाई फाल्के के नाम पर रखा ।

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दादा साहब फालके ने बेशक सिनेमा जगत में इतिहास रचते हुए भारत की पहली पूर्ण लंबाई वाली फीचर फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र' बनाई जिस कारण उन्हें उन्हें भारतीय सिनेमा के पितामाह  का दर्जा दिया गया।  लेकिन जैसा कि कहा जाता हैं कि हर पुरुष की सफलता के पीछे एक महिला होती है, दादा साहेब फाल्के के मामले में यह महिला उनकी पत्नी सरस्वतीबाई फाल्के थी। भारत का पहला फिल्म निर्माता कभी भी सिने जगत का अपना मास्टर पीस नहीं बना पाता अगर उसकी पत्नी ने उनका साथ न दिया होता। दलजीत कौर ने बताया कि अमरसीने प्रोडक्शन द्वारा सरस्वतीबाई की याद में सरस्वती बाई दादा साहेब फालके (SDP) वुमेन्स अचीवर्स अवार्ड (WAA 2020) का आयोजन पिछले 2 साल से किया जा रहा है।
 

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इस शो का आयोजन भी यू-ट्यूब पर लाइव दिखाया गया। उन्होंने कहा कि इस वर्चुअल इवेंट के दौरान महिला सशक्तिकरण पर चर्चा भी की गई। शो की थीम #वीमेन फ़ॉर वीमेन रहा । दिलचस्प बात यह है कि इनोवेटिव आर्टिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन (IAWA) पिछले 5 सालों से महिला सशक्तीकरण के लिए काम कर रही है। IAWA इस प्लेटफार्म के द्वारा महिलाओं की आंतरिक प्रतिभा को निखार उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ ही उन्हें अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए के लिए प्रेरित कर रही है। 
 

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बेहद गौरवान्वित महसूस कर रही लेकिन समाज के प्रति जिम्मेदारी बढ़ीः डा. तनुजा तनु
इस अवार्ड की विजेता कवियित्री, लेखिका, सोशल वर्कर व मोटिवेशनल स्पीकर पंजाब की डा. तनुजा तनु ने कहा कि वह इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाकर खुद को बेहद गौरवान्वित व सौभाग्यशाली महसूस कर रही हैं लेकिन इसके साथ ही उनकी समाज के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ गई है। अमेरिकी यूनिवर्सिटी से आनरेरी डाक्ट्रेट हासिल कर चुकी डा. तनुजा ने कहा शारीरिक विकलांगता से अधिक खतरनाक है लोगों की सोच का 'विकलांग' यानि घटिया होना। उन्होंने कहा कि जब तक विचारों की जागरुतकता नहीं होगी, लोगों की संकीर्ण सोच नहीं बदलेगी, तब तक समाज का उत्थान होना चुनौतीपूर्ण रहेगा। मासूमों से बलात्कार, घरेलू हिंसा, सामाजिक भेदभाव इसी घटिया सोच का ही परिणाम है।  


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Isha

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