सोशल डिस्टेंसिंग भूलकर 33 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, जवानों ने गंगा में उतरकर संभाला माेर्चा

punjabkesari.in Tuesday, Apr 13, 2021 - 10:27 AM (IST)

नेशनल डेस्क:  सोमवती अमावस्या के अवसर पर हरकी पैड़ी और ब्रहमकुण्ड में साधु-सन्तो के सभी अखाड़ों ने शाही स्नान किया। सम्पूर्ण कुम्भ में लगभग 33 लाख से अधिक श्रद्वालुओं ने गंगा स्नान कर पूण्य लाभ कमाया। हालांकि इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल की खूब धज्जियां उड़ाई गई। लोग मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को भूलकर मेले में घूमते दिखाई दिए। सोमवार शाम पांच बजे तक 18169 श्रद्धालुओं की कोरोना टेस्‍ट किए गए, जिसमें से 102 पॉजिटिव पाए गए।

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वहीं इसी बीच विश्व भर में सर्वाधिक भीड़ वाले धार्मिक और आध्यात्मिक मेले के रूप में विख्यात महाकुंभ मेले को शान्ति, सौम्यता और सुरक्षित पूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने में सुरक्षा बलों की उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता। ​सुरक्षा बलों के तैराक और पुलिसकर्मी पानी में उतरकर श्रद्धालुओं से स्नान कर बाहर निकलने के अनुरोध में जुटे रहे।  शाही स्नान में अनेक अखाड़ों के लाखों साधू, संत और श्रद्धालुओं को हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड में बारी बारी से स्नान कराया जाता है। किसी अखाड़े के हजारों श्रद्धालुओं को नियत समय पर स्नान करा कर सकुशल वापस भेजना सुरक्षाबलों के जिम्मे  था।

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जैसे ही किसी अखाड़े के स्नान का समय पूरा होने की घोषणा होती है, सुरक्षा बलों के तैराक और पुलिसकर्मी पानी में उतरकर श्रद्धालुओं से स्नान कर बाहर निकलने के अनुरोध में जुट जाते थे। सुरक्षाबलों पर उन्हें बाहर निकालने तथा बुजुर्ग एवं महिलाओं को गंगा में डुबकी लगाने में मदद करने की दोहरी जिम्मेदारी निभाइर्। जब किसी कारण पुरूष सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धालुओं को नदी से बाहर निकालने में थोड़ी समस्या आने लगती है तो महिला पुलिसकर्मी पूरे घाट पर श्रृंखला बनाकर लोगों को बाहर निकालने में मदद करती दिखी ताकि रास्ते में इंतजार में खड़े आखाड़े तय समय पर स्नान कर सकें।

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वहीं  राज्य सरकार ने साधुओं के सम्मान में हैलिकप्टर से स्नान के दौरान फूलों की वर्षा की है। शाही स्नान की पहली बेला पर जूना अखाड़े के महामण्डलेश्वर गौतम गिरी जी महाराज ने हजारों अनुयाइयों के साथ गंगा में डुबकी लगाई। इसी क्रम में सभी तेरह अखाड़ों ने अपने-अपने हजारों भक्तों के साथ शाही स्नान में भाग लिया। शाही स्नान के समय जूना अखाड़े के महामण्डलेश्वर गौतमगिरी जी महाराज, किन्नर अखाड़े की महामण्डलेश्वर पवित्रा नन्दनी, नागा अखाड़े के महमण्डलेश्वर और उनकी झांकियों को देखने हरिद्वार की सड़कें जाम हो गई थी। लाखो की संख्या में हरिद्वार पंहुचे श्रद्धालुओं ने अखाड़ों के साक्षात दर्शन किये हैं। चेन्नई के कुच्चीवल्ली से आये विजय कृष्णन और अय्यर ने टूटी-फूटी हिन्दी में बताया कि वे स्पेशल चेन्नई से अखाड़ों के दर्शन करने सपरिवार आये हैं। उन्होंने कहा कि अखाड़ों दर्शन सिफर् कुम्भ के दौरान होते हैं।

 


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Content Writer

vasudha

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