ऑफ द रिकॉर्डः 2757 CCTV के साथ उत्तर प्रदेश की जेलें सबसे आगे, ‘पंजाब में 879 तो हरियाणा में 552’

punjabkesari.in Thursday, Mar 04, 2021 - 06:03 AM (IST)

नई दिल्लीः पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.), प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) व अन्य जांच एजैंसियों के पूछताछ कक्षों में सी.सी.टी.वी. कैमरे नहीं लगाने पर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन एजैंसियों को भी पुलिस वाली शक्तियां प्राप्त हैं तथा वे भी थानों की तरह ही हैं। इस पृष्ठभूमि में देश की जेलों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने की जांच करें तो हालात उतने बुरे नहीं हैं। 

जेलों में सी.सी.टी.वी. लगाने के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। पंजाब व हरियाणा भी पीछे नहीं हैं। उत्तर प्रदेश की जेलों में 2757 सी.सी.टी.वी. लगाए गए हैं। गुजरात में 2314, राजस्थान में 1529 व ओडिशा में 1520 सी.सी.टी.वी. लगाए गए हैं। पंजाब की जेलों में 879 सी.सी.टी.वी. तो हरियाणा की जेलों में 552 लगाए गए हैं। सबसे कम सी.सी.टी.वी.संख्या वाले राज्यों में गोवा में 17, सिक्किम में 2 और पुड्डुचेरी में 8 हैं जबकि मिजोरम व लक्षद्वीप में कोई सी.सी.टी.वी. कैमरा नहीं लगाया गया है। 

जेलों में कुल 22456 सी.सी.टी.वी. लगे हैं। दिसम्बर 2019 के अनुसार देश में कुल जेलें 1350 हैं तथा उनमें 4 लाख से ज्यादा कैदी हैं। जेलों में देश में सी.सी. टी.वी. लगाने का मकसद जेलों के भीतर भी अपराध रोकना तथा अनुशासन बनाए रखना है। लोकसभा से मिली जानकारी के अनुसार राज्यों की 808 जेलों में वीडियो कांफ्रैंसिंग की सुविधा है। जेलों में इस सुविधा को लगातार बढ़ाया जा रहा है क्योंकि इससे आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन पर बोझ बहुत घट जाता है। 

जेलें राज्यों का विषय हैं तथा उनके आधुनिकीकरण की जिम्मेदारी भी राज्यों पर है। जेलों की देखरेख, वीडियो कांफ्रैंसिंग और सी.सी.टी.वी. के उपकरण लगवाने और उनकी मैंटीनैंस करने में राज्य सरकारें सक्षम हैं। राष्ट्रीय अपराध आंकड़े ब्यूरो (एन.सी आर.बी.) के लिए राज्यों ने ये आंकड़े उपलब्ध कराए थे।  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Pardeep

Recommended News

Related News