पृथ्वी की ओर 13.5 किमी. प्रति सेकेंड की गति से बढ़ रहा उल्कापिंड, कल होगा सबसे नजदीक

punjabkesari.in Thursday, Jul 23, 2020 - 07:32 PM (IST)

नेशनल डेस्कः अंतरिक्ष में कई उल्कापिंड टूटकर इधर-उधर घूमते रहते हैं। लेकिन हमारे लिए खतरा तब बढ़ जाता है, जब ये पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरने वाले होते हैं। इससे भूकंप और तूफान जैसे खतरों की आशंका रहती है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक ऐसा ही एक उल्कापिंड धरती की और तेजी से बढ़ रहा है, जो 24 जुलाई को धरती के सबसे करीब होगा। इस उल्कापिंड की गति 13.5 किमी प्रति सेंकेंड है और इसका आकार मशहूर ‘लंदन आई’ से भी 50 गुना ज्यादा बड़ा है।
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इसका नाम 2020 ND है। इस खगोलीय घटना को 24 जुलाई को देखा जा सकेगा। आमतौर पर मंगल और गुरु ग्रह की कक्षा के बीच में ऐसे उल्कापिंड बड़ी संख्या में पाए जाते हैं, लेकिन इनमें पृथ्वी के पास से गुजरने वाले उल्कापिंडों की संख्या कम होती है। ऐसे में पृथ्वी के नजदीक इन क्षुद्रग्रहों के आने से खतरा बढ़ जाता है। 
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ब्रिटिश एजेंसी बर्मिंघम लाइव के मुताबिक यह उल्कापिंड 2020-एनडी 24 जुलाई को धरती के सबसे नजदीक होगा, तब इसकी लोकेशन 0.034 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट हो सकती है। एजेंसी के मुताबिक, 'पोटेंशियली हैजड्रस यानी संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह (PHAs) वो पैमाना है, जिसमें अंतरिक्ष वैज्ञानिक उन तत्वों में शामिल करते हैं जो पृथ्वी के निकट आने वाले खतरों के रूप में मापे जाते हैं। 
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वैज्ञानिकों के अनुसार यह उल्कापिंड यूरोप के सबसे बड़े और ऊंचे झूले से भी 50 प्रतिशत ज्यादा बड़ा है। ऐसे में इसके विशालकाय आकार का अंदाजा लगाया जा सकता है। अगर यह धरती से सीधे टकराता है तो दुनिया तबाह तक हो सकती है। हालांकि, अनुमान है कि यह उल्कापिंड धरती को महज छूकर निकलेगा इसलिए बड़ी तबाही की संभावना कम है।

क्या है क्षुद्रग्रह
अन्य बड़े ग्रह जैसे बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून के कई अलग टुकड़ों से भी ऐसे विशाल पिंडों का निर्माण होता है जिनकी गतिविधियों को देखने के साथ उनका अध्ययन किया जा सकता है। दरअसल क्षुद्रग्रह मूल रूप से ग्रहों के टुकड़े होते हैं। ये टुकड़े इन ग्रहों के जन्म के समय से बचे हुए हैं। इन चार ग्रहों में पृथ्वी, बुध, शुक्र और मंगल शामिल हैं।

 


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Yaspal

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