केरल में निपाह वायरस के चलते 12 साल के बच्चे की मौत, लक्षण मिलने के बाद अस्पताल में था भर्ती
punjabkesari.in Sunday, Sep 05, 2021 - 08:46 AM (IST)
नेशनल डेस्क: केरल के कोझिकोड में 12 वर्षीय एक लड़के की निपाह वायरस संक्रमण के चलते मौत हो गई। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि पीड़ित लड़के के शरीर से नमूने लिए गए थे जिन्हें पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजा गया था जहां उनमें निपाह वायरस की मौजूदगी की पुष्टि हुई।
बच्चे के संपर्क में आए लोगों की जांच जारी
मंत्री ने मीडिया को बताया कि दुर्भाग्य से लड़के की सुबह पांच बजे मौत हो गई। बच्चे की हालत कल रात को बेहद नाजुक थी। हमने कल रात को कई दल बनाए थे और उन्होंने बच्चे के संपर्क में आए लोगों को खोजना शुरू कर दिया है। बच्चे के संपर्क में आए लोगों को पृथक करने के लिए कदम उठाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक सूत्र ने बताया कि राज्य सरकार ने निपाह के संदिग्ध संक्रमण की सूचना मिलने के बाद शनिवार देर रात स्वास्थ्य अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक की।
निपाह वायरस का संक्रमण कैसे होता है?
- चमगादड़ों को निपाह वायरस का नैसर्गिक वाहक माना जाता है।
- चमगादड़ों द्वारा खाए गए या चाटे गए फलों को इंसान खा ले तो वह संक्रमित हो जाता है।
- निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर भी संक्रमण का खतरा है।
- चमगादड़ों के अलावा सुअरों के संपर्क में आने से भी निपाह वायरस के संक्रमण का खतरा होता है।
- इंसानों में निपाह वायरस का संक्रमण आंखें, नाक और मुंह के रास्ते होता है।
निपाह का इलाज नहीं
- निपाह वायरस को रोकने के लिए अब तक कोई वैक्सीन नहीं है।
- इसका कोई इलाज या दवाई नहीं है।
- इस वायरस से संक्रमित शख्स 65 प्रतिशत मामले में ज़िंदा नहीं बच पाता है
- इसीलिए यह वायरस बेहद घातक समझा जाता है
- कुछ सालों पहले चमगादड़ से इबोला जैसा गंभीर वायरस सामने आया था।
दक्षिण भारत में निपाह वायरस बीमारी (एनआईवी) का पहला मामला केरल के कोझिकोड जिले में 19 मई 2018 को आया था। राज्य में एक जून 2018 तक इस संक्रमण से 17 मौतें हुई थीं और 18 मामलों की पुष्टि हुई थी।