भारत में हर दिन बन सकती है 1 करोड़ हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन की गोलियां, पर सिर्फ इतना बचा है स्टॉक
punjabkesari.in Saturday, Apr 11, 2020 - 02:18 PM (IST)
नई दिल्ली : कोरोना वायरस के संक्रमण से निजात पाने के इन दिनों हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन (Hydroxy Chloroquine) नामक दवा की मांग पूरी दुनिया में है। कई देशों की रिसर्च का दावा है कि इस दवा से कोरोना वायरस के मरीज़ों की सेहत में काफी सुधार हो रहा है। आपको जानकारी के लिए बता दे कि इस दवा का उत्पादन भारत में बड़ी तादाद में किया जाता है। ऐसे में अमेरिका सहित तमाम दूसरे देश इस दवा को हासिल करने के लिए भारत की तरफ देख रहे हैं। हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन की वैश्विक मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस दवा का निर्माण करने वाली फार्मा कंपनियों को उत्पादन में तेजी लाने के लिए कहा है।इसी के साथ केंद्र सरकार ने भी राज्य सरकारों को हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन के उत्पादन में आ रही कठिनाइयों को जल्द से जल्द दूर करने के निर्देश दिए हैं।
सिर्फ 40 लाख गोलियों का स्टॉक पड़ा है
हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां की करीब 50 कंपनियों के पास हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन नामक दवा के उत्पादन का लाइसेंस है। मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में करीब 40 लाख गोलियों का स्टॉक है। वहीं, हिमाचल प्रदेश में मौजूद फार्मा कंपनियों को समय पर कच्चा माल मिलता रहे, तो यहां रोजाना एक करोड़ हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन की गोलियों का निर्माण हो सकता है। फार्मा कंपनियों के सामने कच्चे माल की कमी के साथ आ रही दूसरी दिक्कतों को दूर करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार बेहद गंभीरता से काम कर रही है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने डॉ रेड्डीज, कैडिला, अल्केमिस्ट और टोरेटो जैसी फार्मा कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन से बात की है।
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