पाकिस्तान में मिली 1700 साल पुरानी बुद्ध की प्रतिमा मौलवी के कहने पर तोड़ी (Videos)
punjabkesari.in Monday, Jul 20, 2020 - 11:18 AM (IST)
पेशावरः पाकिस्तान के इस्लामाबाद में बन रहे हिंदू कृश्ण मंदिर पर विवाद अभी ठंडा नहीं हुआ था कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में महात्मा बुद्ध की एक दुर्लभ आदमकद प्रतिमा तोड़ने को लेकर हंगामा मच गया है। यहां एक मौलवी के कहनोे पर महात्मा बुद्ध की दुर्लभ आदमकद प्रतिमा को तोड़ दिया गया। इस संबंध में शनिवा को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रतिमा गांधार सभ्यता से संबंधित थी और करीब 1,700 वर्ष पुरानी थी। प्रतिमा मर्दान जिले के तख्तबई तहसील में एक खेत में खुदाई के दौरान मिली थी और उसे एक स्थानीय मौलवी के आदेश पर नष्ट कर दिया गया।
During digging, a giant statue of Buddha was discovered in Takhtbhai, Mardaan, KPK, 🍌Pakistan.
— Arif Aajakia (@arifaajakia) July 18, 2020
Molbi came and said that break it. If you do not, you will burn in hell.
Therefore people found short cut to heavens. Breaking heritage, ashamed of origin. Society of such hypocrites. pic.twitter.com/lPk4ts9kK2
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ लोग प्रतिमा को हथौड़े से तोड़ते नजर आ रहे थे। खैबर पख्तूनख्वा के पुरातत्व विभाग के निदेशक अब्दुल समद खान ने बताया कि प्रतिमा के टुटे हिस्सों को बरामद कर लिया गया है ताकि उसके पुरातत्व महत्व का आकलन किया जा सके। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि जाहिर तौर पर यह प्राचीन प्रतिमा है और हमने इसे खो दिया। डॉन अखबार के अनुसार अब्दुल समद खान ने कहा कि पुलिस ने उस क्षेत्र को घेर कर अपने कब्जे में ले लिया है। खैबर पख्तूनख्वा पुरातत्व विभाग ने इस घटना के बारे में ट्वीट किया और मूर्ति तोड़े जाने को "अपराध" करार दिया और कहा कि "किसी भी धर्म का अनादर असहनीय है।"
4 arrested over destruction of 1,700 year-old Buddha statue in Pakistan, which was discovered during construction work in a village near Takht-i-Bahi. The contractor and his 3 labourers destroyed the statue at the behest of local Muslim religious leaderpic.twitter.com/C2eob7uABO
— Alfons López Tena (@alfonslopeztena) July 19, 2020
घटना के बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तान पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हमें भी इस घटना का पता चला है। इस मामले को हमारी टीम देख रही है। वहीं, खैबर पख्तूनख्वा पुरातत्व और संग्रहालय के निदेशक अब्दुल समद ने कहा कि जहां यह घटना हुई, उस इलाके के बारे में अधिकारियों ने पता लगा लिया है। मूर्ति तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
खैबर पख्तूनख्वा का तख्त भाई इलाका गांधार सभ्यता के प्राचीन अवशेषों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। वर्ष 1836 में इस इलाके में पहली बार खुदाई की गई थी, जिसमें मिट्टी, प्लास्टर और टेराकोटा से बने सैकड़ों अवशेष मिले थे। हालांकि, सरकार द्वारा इस क्षेत्र में ध्यान न देने के कारण यह प्राचीन स्थल बदहाली झेल रहा है।