आर्थिक विश्लेषकों का रेपो दर में एक और वृद्धि का अनुमान
punjabkesari.in Wednesday, Dec 07, 2022 - 09:31 PM (IST)
मुंबई, सात दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आक्रामक रुख को देखते हुए विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि नीतिगत रेपो दर बढ़कर करीब 6.5-6.75 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।
आरबीआई ने बुधवार को रेपो दर में अनुमान के मुताबिक 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की। इस तरह रेपो दर में लगातार पांचवी बार बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही रेपो दर 6.25 प्रतिशत हो गई है।
एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा, ''''आज की नीतिगत घोषणा से संकेत मिलता है कि दरों में और बढ़ोतरी हमें देखने को मिलेगी। हमें इसके 6.5-6.75 प्रतिशत पर जाकर रुकने की उम्मीद है।''''
यूबीएस इंडिया की अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने भी रेपो दर में एक और बढ़ोतरी का अनुमान जताया।
उन्होंने कहा, ''''हम फरवरी की नीतिगत समीक्षा में 0.25 प्रतिशत की एक और बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। भले ही प्रधान मुद्रास्फीति अक्टूबर में 6.8 प्रतिशत से आगे चलकर कम हो जाए और जून 2023 तिमाही तक 5-5.5 प्रतिशत पर आ जाए, लेकिन यह आरबीआई के मध्यम अवधि के लक्ष्य चार प्रतिशत से ऊपर ही रहेगी।''''
केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा को भी लगता है कि फरवरी की नीति समीक्षा में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा सकती है।
क्रिसिल रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि दर में बढ़ोतरी आगे भी होगी। उन्होंने कहा, ''''हालांकि घरेलू स्तर पर प्रधान मुद्रास्फीति घटने लगी है, लेकिन खाद्य एवं ईंधन कीमतों को छोड़कर अन्य मुद्रास्फीति का जोखिम बना हुआ है।''''
भारतीय स्टेट बैंक समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि फरवरी में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि का अनुमान है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आरबीआई ने बुधवार को रेपो दर में अनुमान के मुताबिक 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की। इस तरह रेपो दर में लगातार पांचवी बार बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही रेपो दर 6.25 प्रतिशत हो गई है।
एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा, ''''आज की नीतिगत घोषणा से संकेत मिलता है कि दरों में और बढ़ोतरी हमें देखने को मिलेगी। हमें इसके 6.5-6.75 प्रतिशत पर जाकर रुकने की उम्मीद है।''''
यूबीएस इंडिया की अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने भी रेपो दर में एक और बढ़ोतरी का अनुमान जताया।
उन्होंने कहा, ''''हम फरवरी की नीतिगत समीक्षा में 0.25 प्रतिशत की एक और बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। भले ही प्रधान मुद्रास्फीति अक्टूबर में 6.8 प्रतिशत से आगे चलकर कम हो जाए और जून 2023 तिमाही तक 5-5.5 प्रतिशत पर आ जाए, लेकिन यह आरबीआई के मध्यम अवधि के लक्ष्य चार प्रतिशत से ऊपर ही रहेगी।''''
केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा को भी लगता है कि फरवरी की नीति समीक्षा में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा सकती है।
क्रिसिल रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि दर में बढ़ोतरी आगे भी होगी। उन्होंने कहा, ''''हालांकि घरेलू स्तर पर प्रधान मुद्रास्फीति घटने लगी है, लेकिन खाद्य एवं ईंधन कीमतों को छोड़कर अन्य मुद्रास्फीति का जोखिम बना हुआ है।''''
भारतीय स्टेट बैंक समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि फरवरी में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि का अनुमान है।
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