महाराष्ट्र : विपक्ष ने राज्य सरकार से राज्य में बाढ़ की घोषणा करने की मांग की
punjabkesari.in Tuesday, Aug 16, 2022 - 05:49 PM (IST)
मुंबई, 16 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने मंगलवार को राज्य सरकार से मांग की कि जुलाई से अगस्त के बीच भारी बारिश की वजह से 15 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर लगी फसल खराब होने के मद्देनजर राज्य में बाढ़ की घोषणा की जाए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता पवार ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राज्य सरकार से मांग की कि वह बारिश से प्रभावित किसानों को 75 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मदद दे।
पवार ने कहा, ‘‘राज्य में अतिवृष्टि की वजह से करीब 15 लाख हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गई है एवं और नुकसान होने की आशंका है क्योंकि बारिश की गतिविधि बढ़ी है।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राज्य में बाढ़ की स्थिति घोषित करनी चाहिए ताकि किसानों को और मदद पहुंचाई जा सके।
पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत सरकार द्वारा दिए गए चाय के न्योते का भी बहिष्कार करने की घोषणा की।
पवार ने कहा, ‘‘माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को कारोबारियों के और अनुकूल बनाने, मंहगाई और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में हो रही वृद्धि पर ध्यान देने के बजाय यह सरकार राज्य कर्मचारियों को फोन कॉल पर ‘‘वंदे मातरम’ कहने के निर्देश देने जैसी अनावश्यक पहल कर रही है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता पवार ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राज्य सरकार से मांग की कि वह बारिश से प्रभावित किसानों को 75 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मदद दे।
पवार ने कहा, ‘‘राज्य में अतिवृष्टि की वजह से करीब 15 लाख हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गई है एवं और नुकसान होने की आशंका है क्योंकि बारिश की गतिविधि बढ़ी है।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राज्य में बाढ़ की स्थिति घोषित करनी चाहिए ताकि किसानों को और मदद पहुंचाई जा सके।
पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत सरकार द्वारा दिए गए चाय के न्योते का भी बहिष्कार करने की घोषणा की।
पवार ने कहा, ‘‘माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को कारोबारियों के और अनुकूल बनाने, मंहगाई और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में हो रही वृद्धि पर ध्यान देने के बजाय यह सरकार राज्य कर्मचारियों को फोन कॉल पर ‘‘वंदे मातरम’ कहने के निर्देश देने जैसी अनावश्यक पहल कर रही है।’’
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