रुपया 12 पैसे मजबूती के साथ 78.94 पर पहुंचा
punjabkesari.in Friday, Jul 01, 2022 - 04:46 PM (IST)
मुंबई, एक जुलाई (भाषा) अमेरिकी डॉलर के मुकाबले में रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरते हुए शुक्रवार को 12 पैसे की मजबूती के साथ 78.94 रुपये प्रति डॉलर के भाव (अस्थायी) पर बंद हुआ।
अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया डॉलर के खिलाफ 78.99 के भाव पर खुला था। कारोबार के दौरान एक समय यह 79.12 के निचले स्तर तक गिर गया था। लेकिन अंतिम कारोबारी घंटे में समर्थन मिलने से यह 78.94 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ।
इस तरह अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 12 पैसे की बढ़त हासिल करने में सफल रहा। पिछले कारोबारी दिवस पर यह 79.06 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, "कच्चे तेल के निर्यात और सोने के आयात पर सख्ती बरतने की सरकार की कोशिशों भी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये को लेकर धारणा बदलने में खास सफल नहीं रहीं। अभी भी पूंजी निकासी, जोखिम और बढ़ते घाटे को लेकर चिंताएं बरकरार हैं।"
हालांकि परमार ने कहा कि रुपये की स्थिति में आ रही कमजोरी अन्य क्षेत्रीय मुद्राओं में दर्ज किए गए बदलावों के अनुरूप ही है।
दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.30 प्रतिशत बढ़कर 105 पर पहुंच गया।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 1.79 प्रतिशत उछलकर 110.98 डॉलर प्रति बैरल हो गए।
भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों की निकासी का सिलसिला कायम है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को 1,138.05 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया डॉलर के खिलाफ 78.99 के भाव पर खुला था। कारोबार के दौरान एक समय यह 79.12 के निचले स्तर तक गिर गया था। लेकिन अंतिम कारोबारी घंटे में समर्थन मिलने से यह 78.94 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ।
इस तरह अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 12 पैसे की बढ़त हासिल करने में सफल रहा। पिछले कारोबारी दिवस पर यह 79.06 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, "कच्चे तेल के निर्यात और सोने के आयात पर सख्ती बरतने की सरकार की कोशिशों भी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये को लेकर धारणा बदलने में खास सफल नहीं रहीं। अभी भी पूंजी निकासी, जोखिम और बढ़ते घाटे को लेकर चिंताएं बरकरार हैं।"
हालांकि परमार ने कहा कि रुपये की स्थिति में आ रही कमजोरी अन्य क्षेत्रीय मुद्राओं में दर्ज किए गए बदलावों के अनुरूप ही है।
दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.30 प्रतिशत बढ़कर 105 पर पहुंच गया।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 1.79 प्रतिशत उछलकर 110.98 डॉलर प्रति बैरल हो गए।
भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों की निकासी का सिलसिला कायम है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को 1,138.05 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की।
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