भाजपा, शिवसेना को समाप्त करना चाहती है क्योंकि वह हिंदू वोट बैंक को साझा नहीं करना चाहती:उद्धव

punjabkesari.in Saturday, Jun 25, 2022 - 01:08 AM (IST)

मुंबई, 24 जून (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार की रात आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मकसद शिवसेना को समाप्त करना है क्योंकि वह हिंदू वोट बैंक को साझा नहीं करना चाहती।
ठाकरे ने भाजपा और शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे को चुनौती दी कि वे शिवसेना के कार्यकर्ताओं और पार्टी को वोट देने वाले लोगों को अपने पाले में करके दिखाएं।

पार्टी के पार्षदों को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी के आम कार्यकर्ता उनकी ‘‘पूंजी’’ हैं और जब तक वे उनके साथ खड़े हैं, तब तक वे किसी अन्य द्वारा की जाने वाली आलोचना की परवाह नहीं करते।

ठाकरे ने कहा, ‘‘शिवसेना को अपने ही लोगों ने धोखा दिया है।’’
शिवसेना के बागी विधायकों के गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डालने के बाद उपजे राजनीतिक संकट के बीच ठाकरे ने पार्टी पार्षदों (नगरसेवकों) को संबोधित किया है।

ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘बगावत करने वाले शिवसेना के विधायकों को विधानसभा चुनाव का टिकट दिया गया, जबकि आप जैसे कई शिवसैनिक नामांकन के इच्छुक थे। ये लोग आपकी कड़ी मेहनत के बल पर चुने जाने के बाद असंतुष्ट हो गए जबकि आप अब भी इस मुश्किल वक्त में पार्टी के साथ खड़े हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एकनाथ शिंदे से गठबंधन सहयोगियों से जुड़ी शिकायतों को देखने की बात कही थी। उन्होंने मुझसे कहा कि विधायक इस बात का दबाव डाल रहे हैं कि शिवसेना को भाजपा से हाथ मिला लेना चाहिए। मैंने उनसे कहा कि इन विधायकों को मेरे पास लेकर आइये, इस पर चर्चा करते हैं।’’
ठाकरे ने कहा, ‘‘भाजपा ने हमारे साथ बुरा बर्ताव किया और वादों को नहीं निभाया। कई बागियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इसलिए, अगर वे भाजपा के साथ जाते हैं तो वे पाक-साफ हो जाएंगे, अगर वे हमारे साथ रहते हैं तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। क्या मित्रता की यही निशानी है?’’
शिवसेना प्रमुख ने शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अगर शिवसेना का एक कार्यकर्ता मुख्यमंत्री बनने जा रहा है तो आपको उनके (भाजपा) साथ जाना चाहिए। लेकिन, अगर आप उपमुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं तो आपको मुझे बताना चाहिए था, मैं आपको उपमुख्यमंत्री बना देता।’’
ठाकरे ने कहा कि अगर शिवसेना के कार्यकर्ताओं को लगता है कि वह पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम नहीं हैं तो वह पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं।



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