किशोरी को अपने पिता को जिगर दान करने की अनुमति नहीं दे सकते : महाराष्ट्र सरकार की समिति

punjabkesari.in Wednesday, May 11, 2022 - 08:36 PM (IST)

मुंबई, 11 मई (भाषा) महाराष्ट्र सरकार की एक समिति ने 16 वर्षीय लड़की को अपने बीमार पिता को अपने जिगर का एक हिस्सा दान करने की अनुमति देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह सुनिश्चित नहीं है कि क्या उसने जोखिम भरी प्रक्रिया के लिए ‘अपनी मर्जी’ से सहमति दी।

लड़की ने अपनी मां के माध्यम से बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था और राज्य सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि उसके जिगर का एक हिस्सा दान करने की अनुमति के लिए उसके आवेदन पर कार्रवाई की जाए।

आवेदन को खारिज करते हुए चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय (डीएमईआर) के निदेशक की अध्यक्षता वाली राज्य प्राधिकरण समिति ने कहा, ‘‘समिति भावनात्मक दबाव की बात से इंकार नहीं कर सकती है और यह पुष्टि नहीं कर सकती है कि क्या नाबालिग बेटी द्वारा अपनी मर्जी से इसकी सहमति दी गई है।’’
याचिका के मुताबिक लड़की के पिता जिगर से संबंधित गंभीर बीमारी का सामना कर रहे हैं। उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह राज्य सरकार को लड़की के आवेदन पर निर्णय लेने और इस बारे में सूचित करने का निर्देश दिया था।

लड़की के वकील तपन थट्टे ने बुधवार को न्यायमूर्ति ए के मेनन और न्यायमूर्ति एन आर बोरकर की अवकाश पीठ के समक्ष आवेदन खारिज करने वाली प्राधिकरण समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़की के पिता को बहुत पहले से नशे की लत थी जो जिगर को नुकसान पहुंचने की एक संभावित वजह है और उसके पुनर्वास का कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं है।

समिति की रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘शराब के कारण रोगी के जिगर की नाकामी की बात को सामने नहीं रखा गया। लड़की और उसकी मां दाता को दान के लिए की जाने वाली सर्जरी के जोखिम और जटिलताओं से अनजान लगती है।’’
समिति ने आगे कहा कि लड़की अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। उच्च न्यायालय ने समिति की रिपोर्ट को चुनौती देने के लिए लड़की को अपनी याचिका में संशोधन करने की अनुमति दी और सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।

याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता के पिता को मार्च में जिगर प्रतिरोपण कराने की सलाह दी गई थी। याचिका में कहा गया है कि लड़की को छोड़कर, किसी अन्य करीबी रिश्तेदार को दाता के रूप में चिकित्सकीय रूप से उपयुक्त नहीं पाया गया।

याचिका में कहा गया चूंकि लड़की नाबालिग है, इसलिए वह अपने पिता को तब तक जिगर दान नहीं कर सकती जब तक कि अंग प्रतिरोपण कानून के तहत गठित समिति इसे मंजूरी नहीं देती है।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News