मुंबई में बहुमंजिला इमारत में भीषण आग लगने से छह लोगों की मौत, 23 अन्य घायल

punjabkesari.in Saturday, Jan 22, 2022 - 05:02 PM (IST)

मुंबई, 22 जनवरी (भाषा) मध्य मुंबई के ताड़देव इलाके में एक बहुमंजिला आवासीय इमारत की 19वीं मंजिल पर शनिवार सुबह भीषण आग लगने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और 23 अन्य घायल हो गए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने बताया कि गोवालिया टैंक में भाटिया अस्पताल के सामने स्थित ‘सचिनम हाइट्स’ इमारत में सुबह करीब सात बजे आग लगी। उस समय इसमें रहने वाले कई लोग सो रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख व्यक्त किया और ट्विटर पर घोषणा की कि प्रत्येक मृतक के परिवार के सदस्यों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये दिये जाएंगे।

घटनास्थल का दौरा करने वाले महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि सरकार प्रत्येक मृतक के परिवार के सदस्यों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देगी। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया शार्ट-सर्किट की वजह से आग लगी।

इमारत के कुछ निवासियों ने आरोप लगाया कि आसपास के तीन निजी अस्पतालों ने घायल व्यक्तियों को भर्ती करने से इनकार कर दिया और पैसे जमा कराने तथा कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं होने का प्रमाण पत्र लाने को कहा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि आस-पास के अस्पतालों ने घायलों को भर्ती करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण ''''अधिक मौतें'''' हुईं। उन्होंने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

घटना के बारे में जानकारी देते हुए नगर निकाय के एक अधिकारी ने कहा, ''''यह 20 मंजिला इमारत है। आग इसकी 19वीं मंजिल पर लगी। सूचना मिलने पर दमकल कर्मी और पुलिस मौके पर पहुंची। इस घटना में कई लोग घायल हो गए, जिनमें से 29 को घायल अवस्था में आसपास के विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया, जबकि कई अन्य लोगों ने घुटन जैसी स्वास्थ्य परेशानियों की शिकायत की।''''

अधिकारी ने बताया कि बीएमसी संचालित नायर अस्पताल ले जाए गए सात में से पांच घायलों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल की मौत कस्तूरबा अस्पताल में हुई।

अधिकारी ने कहा कि 17 घायलों को भाटिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से पांच को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। शेष 12 में से तीन की हालत नाजुक है तथा उनका इलाज किया जा रहा है।

अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति को मसीना अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसकी हालत स्थिर है। दूसरे को वोक्हार्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक और मरीज को एच एन रिलायंस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसे छुट्टी दे गई है।

बीएमसी अधिकारियों ने शुरू में कहा था कि आग ने सात लोगों की जान ले ली, लेकिन बाद में संख्या को संशोधित कर छह कर दिया गया।


उन्होंने कहा कि सूचना मिलने पर आग बुझाने के लिए दमकल की 13 गाड़ियां और पानी के सात टैंकर घटनास्थल पर पहुंचे। इस आग को तीसरे स्तर की (भीषण) आग बताया गया है। आग पर दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर काबू पा लिया गया।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ''''19वीं मंजिल पर आग लगने के तुरंत बाद, निवासी अपने परिवार के सदस्यों के साथ बाहर की ओर भागने लगे। प्रत्येक मंजिल पर कम से कम छह फ्लैट हैं। आग ने तल को अपनी चपेट में ले लिया और कुछ निवासी वहां फंस गए।''''
उन्होंने कहा कि कुछ निवासियों के अनुसार, आग लगने के बाद इमारत में बिजली की आपूर्ति बंद हो गई। आग लगने के समय इमारत के कई निवासी सो रहे थे।
बीएमसी के डी-वार्ड के सहायक नगर आयुक्त प्रशांत गायकवाड़ ने कहा कि इमारत को 2015 में कब्जा प्रमाण पत्र दिया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट किया, ''''मुंबई के ताड़देव में इमारत में आग लगने की घटना से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।''''
आदित्य ठाकरे ने कहा, ''''राज्य सरकार आग लगने की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जान गंवाने वालों के परिवार के सदस्यों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देगी।''''
उन्होंने ट्वीट किया, ''''दो अस्पतालों द्वारा इलाज से इनकार किये जाने खबरें आईँ, हालांकि दोनों अस्पतालों ने मुझे बताया कि उन्होंने घटना में घायल हुए लोगों में से कुछ को भर्ती कर उनका इलाज किया है।''''
ठाकरे ने कहा कि उन्होंने प्रभावित इमारत का दौरा किया और निवासियों से भी बात की। साथ ही उन्हें ''''पूर्ण सहायता'''' प्रदान करने का आश्वासन दिया।

पत्रकारों से बात करते हुए, ठाकरे ने कहा कि प्रथम दृष्टया शॉर्ट-सर्किट के कारण आग लगी और घटना के बाद इमारत को खाली कर दिया गया है।

महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ''''मैं यह जानकर स्तब्ध और व्यथित हूं कि आस-पास के अस्पतालों ने घायलों को भर्ती करने से इनकार कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप अधिक मौतें हुईं। यदि यह सत्य है, तो बीएमसी और राज्य प्रशासन को इन मौतों के लिये जवाबदेही तय करनी चाहिए और उन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए, जो इसके लिए जिम्मेदार हैं।''''


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News