समीर वानखेड़े के पिता ने नवाब मलिक के खिलाफ उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की
punjabkesari.in Friday, Jan 21, 2022 - 09:26 AM (IST)
मुंबई, 20 जनवरी (भाषा) स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई जोन के निदेशक रहे समीर वानखेड़े के पिता ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की है, जिसमें मलिक द्वारा दिए गए वचन के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
बुधवार को दायर अवमानना याचिका में ज्ञानदेव वानखेड़े ने आरोप लगाया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता मलिक ने पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय को दिए गए अपने उस वचन का जानबूझकर उल्लंघन किया, जिसमें मलिक ने समीर वानखेड़े के परिवार के खिलाफ किसी तरह की मानहानिकारक टिप्पणी नहीं करने का वादा किया था।
ज्ञानदेव वानखेड़े ने पिछले साल उच्च न्यायालय में वाद दायर करके मलिक को उनके और उनके परिवार व समीर वानखेड़े के खिलाफ किसी भी तरह की मानहानिकारिक टिप्पणी और सोशल मीडिया पर ऐसी कोई पोस्ट साझा करने से रोके जाने का अनुरोध किया था, जिससे वानखेड़े परिवार की मानहानि होती है।
इस वाद पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान मलिक ने उच्च न्यायालय के समक्ष वचन दिया था कि वह वानखेड़े के खिलाफ अदालत की अगली सुनवाई तक इस तरह का कोई बयान नहीं देंगे।
अपनी अवमानना याचिका में ज्ञानदेव ने दावा किया कि मलिक ने अपने वचन का उल्लंघन किया और इस साल दो और तीन जनवरी को आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
बुधवार को दायर अवमानना याचिका में ज्ञानदेव वानखेड़े ने आरोप लगाया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता मलिक ने पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय को दिए गए अपने उस वचन का जानबूझकर उल्लंघन किया, जिसमें मलिक ने समीर वानखेड़े के परिवार के खिलाफ किसी तरह की मानहानिकारक टिप्पणी नहीं करने का वादा किया था।
ज्ञानदेव वानखेड़े ने पिछले साल उच्च न्यायालय में वाद दायर करके मलिक को उनके और उनके परिवार व समीर वानखेड़े के खिलाफ किसी भी तरह की मानहानिकारिक टिप्पणी और सोशल मीडिया पर ऐसी कोई पोस्ट साझा करने से रोके जाने का अनुरोध किया था, जिससे वानखेड़े परिवार की मानहानि होती है।
इस वाद पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान मलिक ने उच्च न्यायालय के समक्ष वचन दिया था कि वह वानखेड़े के खिलाफ अदालत की अगली सुनवाई तक इस तरह का कोई बयान नहीं देंगे।
अपनी अवमानना याचिका में ज्ञानदेव ने दावा किया कि मलिक ने अपने वचन का उल्लंघन किया और इस साल दो और तीन जनवरी को आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं।
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