अगर ठाकरे घर से नहीं निकल सकते तो किसी और को अधिकार सौंप दें: भाजपा

punjabkesari.in Friday, Jan 14, 2022 - 07:04 PM (IST)

मुंबई, 14 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा रीढ़ की हड्डी की सर्जरी कराने के बाद स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यदि घर से नहीं निकल सकते तो उन्हें अपने अधिकार साथी मंत्रियों को सौंप देने चाहिए।

भाजपा के एक नेता ने कहा कि यदि ठाकरे को अन्य नेताओं पर भरोसा नहीं है तो वह अपने बेटे और आदित्य ठाकरे को प्रभार सौंप सकते हैं।

ठाकरे (61) ने नवंबर, 2021 में सर्वाइकल स्पाइन सर्जरी कराई थी। वह दिसंबर के अंतिम सप्ताह में आयोजित राज्य विधानसभा के पांच दिन तक चले पूरे शीतकालीन सत्र में अनुपस्थित रहे। हालांकि वह आधिकारिक बैठकों में अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हो रहे हैं।

कोल्हापुर में संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, ‘‘लोग कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री ने पिछले करीब 70 दिन से लोगों से मुलाकात नहीं की है। इसलिए ठाकरे को उनके अधिकार किसी और को दे देने चाहिए जो उनकी जगह दैनिक बैठकों में शामिल हो सकें और कभी-कभी राज्य में कुछ स्थानों का दौरा कर सकें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह हमारे मित्र की तरह हैं, इसलिए उनके जल्द पूरी तरह स्वस्थ होने की कामना करता हूं। हालांकि घर पर बैठकर करीब 12 करोड़ की आबादी वाले राज्य को संभालने और नियंत्रित करने का काम नहीं किया जा सकता। ऐसी जिम्मेदारियों को और अधिक गंभीरता से लिया जाना चाहिए।’’
भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री संभाजी पाटिल निलंगेकर ने लातूर में जारी बयान में कहा कि उद्धव ठाकरे घर से नहीं निकल पा रहे और उनकी सरकार दिशाविहीन हो गयी है, ऐसे में उन्हें कुछ समय के लिए अपना कामकाज उप मुख्यमंत्री अजित पवार या अन्य किसी मंत्री को सौंप देना चाहिए।

निलंगेकर ने कहा कि अगर उन्हें अजित पवार या उनकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) पर भरोसा नहीं है तो वह अपने बेटे और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को जिम्मेदारी दे सकते हैं।

भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को कोविड-19 के हालात की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गयी बैठक में भी शामिल नहीं हुए।

उधर चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राकांपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन के कारण शिवसेना चुनावों में हार रही है। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना का एक उम्मीदवार मुंबई बैंक का चुनाव नहीं जीत सकता जबकि राकांपा का एक उम्मीदवार इसका अध्यक्ष बन जाता है।’’
उन्होंने यह दावा भी किया कि शिवसेना केवल राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए गोवा और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News