सरकार कोलकाता में एक और हवाईअड्डा के लिए स्थान तलाश रही है: सिंधिया
punjabkesari.in Thursday, Nov 25, 2021 - 12:46 AM (IST)
मुंबई, 24 नवंबर (भाषा) नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभी मेट्रो शहरों में नए हवाईअड्डों की जरूरत पर जोर देते हुए बुधवार को कहा कि सरकार पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में दूसरे हवाई अड्डे के लिए जगह तलाश रही है।
सिंधिया ने इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के एक वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आगे आने और देश में नागरिक उड्डयन क्षेत्र में मौजूद ‘‘विशाल’’ अवसरों में हिस्सा लेने का भी आग्रह किया।
उद्योग निकाय की वार्षिक आमसभा (एजीएम) में उन्होंने कहा कि देश के महानगरों के हवाईअड्डों पर यात्रियों का दबाव बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 7.5 करोड़ यात्री, तो मुंबई में करीब पांच करोड़, बेंगलुरु में चार करोड़ और हैदराबाद में ढाई करोड़ यात्रियों का दबाव होता है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि देश के सभी महानगरों में नये हवाईअड्डे की जरुरत है।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली और मुंबई में नये हवाईअड्डे के निर्माण की प्रक्रिया पहले से ही जारी है, लेकिन कोलकाता सहित अन्य नगरों में भी हवाईअड्डे बनाने की जरूरत है।
सिंधिया ने आगे कहा, "मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से बात करने का प्रयास कर रहा हूं, साथ उन मुद्दों पर भी विचार कर रहा हूं जो पश्चिम बंगाल से संबंधित हैं, क्योंकि यह देश के पूर्वोत्तर और दक्षिण-पूर्व हिस्सों में सामरिक गतिविधियों की दृष्टि से प्रमुख कारक है।"
उन्होंने पश्चिम बंगाल में हवाईअड्डों की संख्या और हवाई संपर्क दोनों को बढ़ाने की आवश्यकता जताते हुए कहा, "मैं कोलकाता में एक नये हवाईअड्डे के लिए भी जगह की प्रतीक्षा कर रहा हूं। इसलिए मैं पश्चिम बंगाल सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह आगे आए और भारत में विशाल अवसर का लाभ उठाये।’’
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय उन देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बढ़ाने पर विचार कर रहा है जिनके साथ उसने ‘एयर बबल’ व्यवस्था की गई है।
सिंधिया ने कहा, "मैं हर देश में उत्तरोत्तर देख रहा हूं और यह सुनिश्चित कर रहा हूं कि हम ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत उड़ानों की संख्या में वृद्धि करें। वर्तमान में मैं ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत कई उड़ानें शुरू करने पर विचार कर रहा हूं, जहां हमारी मौजूदा उड़ानों पर ‘लोड फैक्टर’ 75 से 80 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है।’’
हालांकि, उन्होंने कहा कि इस तरह का निर्णय अकेले उनके मंत्रालय द्वारा नहीं लिया जा सकता है और इसमें नागरिक उड्डयन, गृह और स्वास्थ्य मंत्रालयों का संयुक्त निर्णय होना चाहिए, क्योंकि भगवान न करे, कोरोना वायरस की तीसरी लहर आती है तो गृह और स्वास्थ्य मंत्रालयों को ही इसे संभालना होगा और उनकी ही इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
सिंधिया ने यह भी कहा कि महामारी खत्म नहीं हुई है और यूरोप, रूस एवं अन्य हिस्सों में चौथी और पांचवीं लहर भी आ रही है। उन्होंने कहा कि इसलिए सभी को सावधान और चौकन्ना रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके बावजूद हमें अवसर भुनाने हैं और इसलिए हम ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत उड़ानों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सिंधिया ने इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के एक वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आगे आने और देश में नागरिक उड्डयन क्षेत्र में मौजूद ‘‘विशाल’’ अवसरों में हिस्सा लेने का भी आग्रह किया।
उद्योग निकाय की वार्षिक आमसभा (एजीएम) में उन्होंने कहा कि देश के महानगरों के हवाईअड्डों पर यात्रियों का दबाव बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 7.5 करोड़ यात्री, तो मुंबई में करीब पांच करोड़, बेंगलुरु में चार करोड़ और हैदराबाद में ढाई करोड़ यात्रियों का दबाव होता है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि देश के सभी महानगरों में नये हवाईअड्डे की जरुरत है।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली और मुंबई में नये हवाईअड्डे के निर्माण की प्रक्रिया पहले से ही जारी है, लेकिन कोलकाता सहित अन्य नगरों में भी हवाईअड्डे बनाने की जरूरत है।
सिंधिया ने आगे कहा, "मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से बात करने का प्रयास कर रहा हूं, साथ उन मुद्दों पर भी विचार कर रहा हूं जो पश्चिम बंगाल से संबंधित हैं, क्योंकि यह देश के पूर्वोत्तर और दक्षिण-पूर्व हिस्सों में सामरिक गतिविधियों की दृष्टि से प्रमुख कारक है।"
उन्होंने पश्चिम बंगाल में हवाईअड्डों की संख्या और हवाई संपर्क दोनों को बढ़ाने की आवश्यकता जताते हुए कहा, "मैं कोलकाता में एक नये हवाईअड्डे के लिए भी जगह की प्रतीक्षा कर रहा हूं। इसलिए मैं पश्चिम बंगाल सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह आगे आए और भारत में विशाल अवसर का लाभ उठाये।’’
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय उन देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बढ़ाने पर विचार कर रहा है जिनके साथ उसने ‘एयर बबल’ व्यवस्था की गई है।
सिंधिया ने कहा, "मैं हर देश में उत्तरोत्तर देख रहा हूं और यह सुनिश्चित कर रहा हूं कि हम ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत उड़ानों की संख्या में वृद्धि करें। वर्तमान में मैं ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत कई उड़ानें शुरू करने पर विचार कर रहा हूं, जहां हमारी मौजूदा उड़ानों पर ‘लोड फैक्टर’ 75 से 80 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है।’’
हालांकि, उन्होंने कहा कि इस तरह का निर्णय अकेले उनके मंत्रालय द्वारा नहीं लिया जा सकता है और इसमें नागरिक उड्डयन, गृह और स्वास्थ्य मंत्रालयों का संयुक्त निर्णय होना चाहिए, क्योंकि भगवान न करे, कोरोना वायरस की तीसरी लहर आती है तो गृह और स्वास्थ्य मंत्रालयों को ही इसे संभालना होगा और उनकी ही इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
सिंधिया ने यह भी कहा कि महामारी खत्म नहीं हुई है और यूरोप, रूस एवं अन्य हिस्सों में चौथी और पांचवीं लहर भी आ रही है। उन्होंने कहा कि इसलिए सभी को सावधान और चौकन्ना रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके बावजूद हमें अवसर भुनाने हैं और इसलिए हम ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत उड़ानों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।’’
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