सिनेमा ने मेरे जीवन को आगे बढ़ाया है: अजय देवगन ने फिल्म जगत में 30 वर्ष पूरे करने पर कहा
punjabkesari.in Tuesday, Nov 23, 2021 - 08:52 AM (IST)
मुंबई, 22 नवंबर (भाषा) सुपरस्टार अजय देवगन ने हिंदी सिनेमा जगत में सोमवार को 30 साल पूरे करने के मौके पर कहा कि सिनेमा की दुनिया में लंबे समय तक टिके रहने में फिल्मों के प्रति उनके लगाव और आगे बढ़ने की जिद ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
अभिनेता (52) ने हिंदी फिल्म जगत में ‘फूल और कांटे’ से करियर की शुरुआत की थी। यह फिल्म 22 नवंबर, 1991 को रिलीज हुई थी। कुकू कोहली निर्देशित रोमांटिक-एक्शन फिल्म कमाई के लिहाज से भी अच्छी रही और फिल्म के एक दृश्य को आज भी दर्शक देवगन के महत्वपूर्ण एक्शन दृश्यों में से एक के रूप में याद करते हैं। इस एक्शन दृश्य (स्टंट) की डिजाइन अभिनेता के दिवंगत पिता और दिग्गज एक्शन कोरियोग्राफर वीरू देवगन ने तैयार की थी। अभिनेता इस दृश्य में दो चलती मोटरासइकिल पर पैर से 180 डिग्री का कोण बनाते हुए दिखे थे।
देवगन ने कहा कि वह अभी आगे 30-40 साल तक सिनेमा की दुनिया में बने रहने का इरादा रखते हैं। अभिनेता ने कहा कि तीन दशक तक बने रहने के लिए कठिन मेहनत, अच्छा भाग्य, आशीर्वाद और सबसे ज्यादा तप और जिद की जरूरत होती है।
अभिनेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ ऐसा प्राय: कहा जाता है कि जो सबसे ताकतवर होगा वहीं जीवित रहेगा। हां, आपको 30 साल तक बने रहने के लिए मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत होना पड़ता है और छुट्टी की मांग नहीं करनी होती है।’’ अभिनेता ‘जिगर’, ‘विजयपथ’, ‘ दिलजले’, ‘प्यार तो होना ही था’, ‘जख्म’, ‘हम दिल दे चुके सनम’, ‘ ओमकारा’, ‘गोलमाल’, ‘ सिंघम’ सीरिज, ‘रेड’, ‘तानाजी: द अनसंग वॉरियर’ समेत कई अन्य फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।
बॉलीवुड में अपने लंबे करियर में देवगन ने कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन उन्होंने अपनी छवि एक बहुमुखी कलाकार के रूप में बनाई है। वह एक्शन, रोमांस से कॉमेडी तक की दुनिया में हाथ आजमा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सिनमा का हर फलक आनंदपूर्ण है और उसकी यादों से प्रेम किया जा सकता है। भावना से लेकर तकनीक तक सिनेमा ने खुद को आगे बढ़ाया है और इसके प्रति मेरी भूख मिटने वाली नहीं है।
उनसे जब करियर के अहम किरदार को चुनने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि अपनी 100 फिल्मों से यह चुन पाना काफी मुश्किल है लेकिन उन्हें ‘फूल और कांटे’ और ‘तानाजी: द अनसंग वॉरियर’ पर गर्व है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
अभिनेता (52) ने हिंदी फिल्म जगत में ‘फूल और कांटे’ से करियर की शुरुआत की थी। यह फिल्म 22 नवंबर, 1991 को रिलीज हुई थी। कुकू कोहली निर्देशित रोमांटिक-एक्शन फिल्म कमाई के लिहाज से भी अच्छी रही और फिल्म के एक दृश्य को आज भी दर्शक देवगन के महत्वपूर्ण एक्शन दृश्यों में से एक के रूप में याद करते हैं। इस एक्शन दृश्य (स्टंट) की डिजाइन अभिनेता के दिवंगत पिता और दिग्गज एक्शन कोरियोग्राफर वीरू देवगन ने तैयार की थी। अभिनेता इस दृश्य में दो चलती मोटरासइकिल पर पैर से 180 डिग्री का कोण बनाते हुए दिखे थे।
देवगन ने कहा कि वह अभी आगे 30-40 साल तक सिनेमा की दुनिया में बने रहने का इरादा रखते हैं। अभिनेता ने कहा कि तीन दशक तक बने रहने के लिए कठिन मेहनत, अच्छा भाग्य, आशीर्वाद और सबसे ज्यादा तप और जिद की जरूरत होती है।
अभिनेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ ऐसा प्राय: कहा जाता है कि जो सबसे ताकतवर होगा वहीं जीवित रहेगा। हां, आपको 30 साल तक बने रहने के लिए मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत होना पड़ता है और छुट्टी की मांग नहीं करनी होती है।’’ अभिनेता ‘जिगर’, ‘विजयपथ’, ‘ दिलजले’, ‘प्यार तो होना ही था’, ‘जख्म’, ‘हम दिल दे चुके सनम’, ‘ ओमकारा’, ‘गोलमाल’, ‘ सिंघम’ सीरिज, ‘रेड’, ‘तानाजी: द अनसंग वॉरियर’ समेत कई अन्य फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।
बॉलीवुड में अपने लंबे करियर में देवगन ने कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन उन्होंने अपनी छवि एक बहुमुखी कलाकार के रूप में बनाई है। वह एक्शन, रोमांस से कॉमेडी तक की दुनिया में हाथ आजमा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सिनमा का हर फलक आनंदपूर्ण है और उसकी यादों से प्रेम किया जा सकता है। भावना से लेकर तकनीक तक सिनेमा ने खुद को आगे बढ़ाया है और इसके प्रति मेरी भूख मिटने वाली नहीं है।
उनसे जब करियर के अहम किरदार को चुनने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि अपनी 100 फिल्मों से यह चुन पाना काफी मुश्किल है लेकिन उन्हें ‘फूल और कांटे’ और ‘तानाजी: द अनसंग वॉरियर’ पर गर्व है।
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