काम के साथ मेरा रिश्ता ‘अरेंज मैरिज’ जैसा, बाद में प्यार हो ही गया : रानी मुखर्जी
punjabkesari.in Sunday, Nov 21, 2021 - 04:08 PM (IST)
मुंबई, 21 नवंबर (भाषा) रानी मुखर्जी का कहना है कि उन्होंने कभी अभिनेत्री बनने की इच्छा से फिल्म उद्योग में कदम नहीं रखा था लेकिन उनकी यात्रा बेहद फायदेमंद साबित हुई जब उन्हें कला और इसके बूते दर्शकों की तरफ से मिलने वाली तारीफ से प्यार होने लगा।
बॉलीवुड में अपने 25वें साल में, मुखर्जी को यह सपना जैसा ही लगता है जब वह सोचती हैं कि उन्होंने कितना लंबा सफर तय कर लिया है।
अभिनेत्री ने 1996 में 18 साल की उम्र में फिल्म "राजा की आएगी बारात" के साथ हिंदी फिल्म जगत में कदम रखा था। दो साल बाद, वह सुपरस्टार आमिर खान अभिनीत "गुलाम" और ब्लॉकबस्टर "कुछ कुछ होता है" के साथ सबकी नजरों में आईं जहां से उनके करियर ने ऊंचाइयां छूनी शुरू की।
मुखर्जी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “मैं कभी भी अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थी। अभिनय कभी करियर के लिए मेरी पसंद नहीं था। जब आप युवा होते हैं और जीवन में कुछ खास करने का सपना देखते हैं तो आप उसके प्रति जुनून पैदा कर लेते हैं। आप उस खास क्षेत्र में जाना चाहते हैं क्योंकि वह आपना जुनून, आपका पहला प्यार होता है। लेकिन मेरे काम के साथ मेरा रिश्ता परिवार की रजामंदी से हुई शादी जैसा है---मैंने जब यह (अभिनय की दुनिया में कदम) कर लिया तब मुझे उससे प्यार हो गया।” अभिनेत्री ने कहा कि यह उनकी गायिका-मां कृष्णा मुखर्जी थीं, जिन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें फिल्मों में काम करना शुरू कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा, “धीरे-धीरे, मुझे इस कला से प्यार होने लगा। क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि इस पेशे में बहुत सारी कला की जरूरत है। भावनाओं को व्यक्त करने और बाहर लाने के लिए आपके पास यह कला होनी चाहिए।”2000 के शुरुआती दशक में 43 वर्षीय अभिनेत्री ने “साथिया”, “हम तुम”, “वीर-जारा”, “चलते-चलते”, “ब्लैक” और “बंटी और बबली” जैसी फिल्मों के साथ पर्दे पर राज किया था।
मुखर्जी के करियर के दूसरे चरण में उनकी एक्शन थ्रिलर फिल्म श्रृंखला "मर्दानी", ड्रामा "हिचकी" और उनकी नयी कॉमेडी "बंटी और बबली 2" जैसी प्रमुख फिल्में देखने को मिलीं।
उन्होंने कहा कि वह लगातार काम कर रही हैं और बीते सभी वर्षों में वह बदलते समय को देखने, सीखने और उसके अनुकूल बनने की अपनी क्षमता के कारण प्रासंगिक बनी रहीं।
एक और अभिनेत्री ने यश चोपड़ा, करण जौहर से लेकर संजय लीला भंसाली तक उद्योग के कुछ सबसे बड़े फिल्म निर्माताओं के साथ काम किया है, वहीं उनके हालिया काम में वह नए निर्देशकों के साथ काम करती दिखी हैं।
दोनों, "मर्दानी 2" और "बंटी और बबली" के सीक्वल क्रमशः का निर्देशन नये निर्देशकों गोपी पुथरन और वरुण वी शर्मा ने किया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
बॉलीवुड में अपने 25वें साल में, मुखर्जी को यह सपना जैसा ही लगता है जब वह सोचती हैं कि उन्होंने कितना लंबा सफर तय कर लिया है।
अभिनेत्री ने 1996 में 18 साल की उम्र में फिल्म "राजा की आएगी बारात" के साथ हिंदी फिल्म जगत में कदम रखा था। दो साल बाद, वह सुपरस्टार आमिर खान अभिनीत "गुलाम" और ब्लॉकबस्टर "कुछ कुछ होता है" के साथ सबकी नजरों में आईं जहां से उनके करियर ने ऊंचाइयां छूनी शुरू की।
मुखर्जी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “मैं कभी भी अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थी। अभिनय कभी करियर के लिए मेरी पसंद नहीं था। जब आप युवा होते हैं और जीवन में कुछ खास करने का सपना देखते हैं तो आप उसके प्रति जुनून पैदा कर लेते हैं। आप उस खास क्षेत्र में जाना चाहते हैं क्योंकि वह आपना जुनून, आपका पहला प्यार होता है। लेकिन मेरे काम के साथ मेरा रिश्ता परिवार की रजामंदी से हुई शादी जैसा है---मैंने जब यह (अभिनय की दुनिया में कदम) कर लिया तब मुझे उससे प्यार हो गया।” अभिनेत्री ने कहा कि यह उनकी गायिका-मां कृष्णा मुखर्जी थीं, जिन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें फिल्मों में काम करना शुरू कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा, “धीरे-धीरे, मुझे इस कला से प्यार होने लगा। क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि इस पेशे में बहुत सारी कला की जरूरत है। भावनाओं को व्यक्त करने और बाहर लाने के लिए आपके पास यह कला होनी चाहिए।”2000 के शुरुआती दशक में 43 वर्षीय अभिनेत्री ने “साथिया”, “हम तुम”, “वीर-जारा”, “चलते-चलते”, “ब्लैक” और “बंटी और बबली” जैसी फिल्मों के साथ पर्दे पर राज किया था।
मुखर्जी के करियर के दूसरे चरण में उनकी एक्शन थ्रिलर फिल्म श्रृंखला "मर्दानी", ड्रामा "हिचकी" और उनकी नयी कॉमेडी "बंटी और बबली 2" जैसी प्रमुख फिल्में देखने को मिलीं।
उन्होंने कहा कि वह लगातार काम कर रही हैं और बीते सभी वर्षों में वह बदलते समय को देखने, सीखने और उसके अनुकूल बनने की अपनी क्षमता के कारण प्रासंगिक बनी रहीं।
एक और अभिनेत्री ने यश चोपड़ा, करण जौहर से लेकर संजय लीला भंसाली तक उद्योग के कुछ सबसे बड़े फिल्म निर्माताओं के साथ काम किया है, वहीं उनके हालिया काम में वह नए निर्देशकों के साथ काम करती दिखी हैं।
दोनों, "मर्दानी 2" और "बंटी और बबली" के सीक्वल क्रमशः का निर्देशन नये निर्देशकों गोपी पुथरन और वरुण वी शर्मा ने किया है।
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