अदालत ने आर्यन खान को एक लाख रुपये का निजी मुचलका भरने और पासपोर्ट जमा कराने का आदेश दिया
punjabkesari.in Friday, Oct 29, 2021 - 06:00 PM (IST)
मुंबई, 29 अक्टूबर (भाषा) क्रूज जहाज पर मादक पदार्थ मिलने के मामले में गिरफ्तार आर्यन खान को जमानत देने के एक दिन बाद बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अपने आदेश का मुख्य अंश उपलब्ध कराया। इस आदेश में आर्यन की जमानत के लिए अदालत ने 14 शर्तें लगाई हैं। इन शर्तो के मद्देनजर जमानत की औपचारिकताओं को पूरा करने पर अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन की जेल से रिहाई होगी।
उच्च न्यायालय ने पांच पन्नों के आदेश में कहा कि आर्यन खान और दो सह-आरोपियों अरबाज मर्चेंट तथा मुनमुन धामेचा को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही एक या दो जमानत राशि जमा करने पर छोड़ा जाएगा। मर्चेंट और धामेचा को भी जमानत दी गयी थी।
उच्च न्यायालय द्वारा तय शर्तों के अनुसार तीनों को विशेष एनडीपीएस अदालत में अपने पासपोर्ट जमा करने होंगे और वे विशेष अदालत से अनुमति लिये बिना भारत छोड़कर नहीं जाएंगे। उन्हें हर शुक्रवार को एनसीबी कार्यालय में मौजूदगी दर्ज कराने आना होगा।
न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू सांम्ब्रे ने शुक्रवार दोपहर बाद फैसले के मुख्य अंश (ऑपरेटिव ऑर्डर) की प्रति पर हस्ताक्षर किये। इससे आर्यन खान के वकीलों को उन्हें मध्य मुंबई की आर्थर रोड जेल से शाम तक रिहा कराने में मदद मिलेगी।
न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू सांम्ब्रे की एकल पीठ ने बृहस्पतिवार को आर्यन खान को जमानत दे दी थी। उन्हें मुंबई के तट के पास एक क्रूज जहाज पर छापे के दौरान गिरफ्तार किये जाने के 25 दिन बाद जमानत दी गयी। अदालत ने कहा था कि जमानत की शर्तों और मुचलका राशि पर वह शुक्रवार को अपना आदेश सुनाएगी।
आर्यन खान के वकील अब उच्च न्यायालय के आदेश की सत्यापित प्रति तथा अन्य आवश्यक दस्तावेज विशेष अदालत में ले जाएंगे जो स्वापक और मन:प्रभावी तत्व (एनडीपीएस) कानून से संबंधित मामलों में सुनवाई कर रही है। सत्यापन के बाद विशेष अदालत रिहाई के कागज जारी करेगी। इन दस्तावेज को उनकी रिहाई के लिए जेल अधिकारियों को सौंपा जाएगा।
मर्चेंट और धामेचा पर भी ये ही शर्तें लागू हैं।
अदालत ने कहा कि तीनों किसी भी शर्त का उल्लंघन करते हैं तो एनसीबी सीधे विशेष अदालत में उनकी जमानत निरस्त करने के लिए आवेदन करेगी।
अदालत ने कहा कि आरोपी व्यक्तिगत रूप से या किसी अन्य के माध्यम से गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेंगे।
शर्त के अनुसार आरोपी मुंबई से बाहर जाने से पहले एनसीबी को सूचित करेंगे और अपनी यात्रा की जानकारी देंगे।
अदालत ने कहा कि आर्यन खान, मर्चेंट और धामेचा ऐसी कोई गतिविधि नहीं करेंगे जिसके आधार पर उनके खिलाफ एनडीपीएस कानून के तहत अपराधों के लिए मौजूदा मामला दर्ज है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि तीनों मामले के किसी सह-आरोपी के साथ या इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त किसी और के साथ कोई संपर्क स्थापित नहीं करेंगे।
अदालत ने कहा, ‘‘जब सुनवाई शुरू होगी तो आवेदक/आरोपी किसी तरह सुनवाई में देरी कराने की कोशिश नहीं करेंगे।’’
आर्यन खान और मर्चेंट आर्थर रोड जेल में बंद हैं, वहीं मुनमुन धामेचा भायखुला महिला कारावास में हैं। तीनों को एनसीबी ने तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।
न्यायाधीश तीनों आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के बारे में अपना विस्तृत आदेश अगले सप्ताह देंगे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उच्च न्यायालय ने पांच पन्नों के आदेश में कहा कि आर्यन खान और दो सह-आरोपियों अरबाज मर्चेंट तथा मुनमुन धामेचा को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही एक या दो जमानत राशि जमा करने पर छोड़ा जाएगा। मर्चेंट और धामेचा को भी जमानत दी गयी थी।
उच्च न्यायालय द्वारा तय शर्तों के अनुसार तीनों को विशेष एनडीपीएस अदालत में अपने पासपोर्ट जमा करने होंगे और वे विशेष अदालत से अनुमति लिये बिना भारत छोड़कर नहीं जाएंगे। उन्हें हर शुक्रवार को एनसीबी कार्यालय में मौजूदगी दर्ज कराने आना होगा।
न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू सांम्ब्रे ने शुक्रवार दोपहर बाद फैसले के मुख्य अंश (ऑपरेटिव ऑर्डर) की प्रति पर हस्ताक्षर किये। इससे आर्यन खान के वकीलों को उन्हें मध्य मुंबई की आर्थर रोड जेल से शाम तक रिहा कराने में मदद मिलेगी।
न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू सांम्ब्रे की एकल पीठ ने बृहस्पतिवार को आर्यन खान को जमानत दे दी थी। उन्हें मुंबई के तट के पास एक क्रूज जहाज पर छापे के दौरान गिरफ्तार किये जाने के 25 दिन बाद जमानत दी गयी। अदालत ने कहा था कि जमानत की शर्तों और मुचलका राशि पर वह शुक्रवार को अपना आदेश सुनाएगी।
आर्यन खान के वकील अब उच्च न्यायालय के आदेश की सत्यापित प्रति तथा अन्य आवश्यक दस्तावेज विशेष अदालत में ले जाएंगे जो स्वापक और मन:प्रभावी तत्व (एनडीपीएस) कानून से संबंधित मामलों में सुनवाई कर रही है। सत्यापन के बाद विशेष अदालत रिहाई के कागज जारी करेगी। इन दस्तावेज को उनकी रिहाई के लिए जेल अधिकारियों को सौंपा जाएगा।
मर्चेंट और धामेचा पर भी ये ही शर्तें लागू हैं।
अदालत ने कहा कि तीनों किसी भी शर्त का उल्लंघन करते हैं तो एनसीबी सीधे विशेष अदालत में उनकी जमानत निरस्त करने के लिए आवेदन करेगी।
अदालत ने कहा कि आरोपी व्यक्तिगत रूप से या किसी अन्य के माध्यम से गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेंगे।
शर्त के अनुसार आरोपी मुंबई से बाहर जाने से पहले एनसीबी को सूचित करेंगे और अपनी यात्रा की जानकारी देंगे।
अदालत ने कहा कि आर्यन खान, मर्चेंट और धामेचा ऐसी कोई गतिविधि नहीं करेंगे जिसके आधार पर उनके खिलाफ एनडीपीएस कानून के तहत अपराधों के लिए मौजूदा मामला दर्ज है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि तीनों मामले के किसी सह-आरोपी के साथ या इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त किसी और के साथ कोई संपर्क स्थापित नहीं करेंगे।
अदालत ने कहा, ‘‘जब सुनवाई शुरू होगी तो आवेदक/आरोपी किसी तरह सुनवाई में देरी कराने की कोशिश नहीं करेंगे।’’
आर्यन खान और मर्चेंट आर्थर रोड जेल में बंद हैं, वहीं मुनमुन धामेचा भायखुला महिला कारावास में हैं। तीनों को एनसीबी ने तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।
न्यायाधीश तीनों आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के बारे में अपना विस्तृत आदेश अगले सप्ताह देंगे।
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