आर्यन की गिरफ्तारी नियमों के खिलाफ: वकील ; एनसीबी ने वानखेड़े से पूछताछ की

punjabkesari.in Wednesday, Oct 27, 2021 - 09:12 PM (IST)

मुंबई, 27अक्टूबर (भाषा) क्रूज पोत मादक पदार्थ जब्ती मामले में गिरफ्तार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की जमानत याचिका पर बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान उनके वकील ने कहा कि एनसीबी ने आर्यन खान और दो अन्य आरोपियों के साजिश में शामिल होने की बात की है, लेकिन आधिकारिक रूप से कभी इस आरोप पर जोर नहीं दिया है।
इस बीच, स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के उत्तरी क्षेत्र के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने बुधवार को बताया कि विभागीय सतर्कता जांच के तहत उन्होंने एजेंसी के मुंबई क्षेत्र के निदेशक समीर वानखेड़े का बयान दर्ज करने का कार्य शुरू कर दिया है। यह जांच क्रूज जहाज पर मादक पदार्थ मिलने के बाद एक आरोपी से कथित वसूली के आरोपों को लेकर की जा रही है।
न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू साम्बरे की अदालत में आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत पर हो रही सुनवाई बुधवार को दूसरे दिन भी पूरी नहीं हो सकी। स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल अनिल सिंह बृहस्पतिवार को इस मामले में अपनी दलीलें पेश करेंगे।
गौरतलब है कि मुंबई तट के नजदीक क्रूज पोत पर एनसीबी की छापेमारी के दौरान मादक पदार्थ मिलने के मामले में तीन अक्टूबर को गिरफ्तार आर्यन खान (23), मर्चेंट और धमेचा गत तीन अक्टूबर से ही जेल में हैं।
मामले पर बुधवार को करीब दो घंटे हुई सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति साम्बरे ने कहा,‘‘कल हम इसे पूरा करने की कोशिश करेंगे।’’
आर्यन खान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि यह गिरफ्तारी संवैधानिक प्रावधानों का सीधा उल्लंघन है क्योंकि गिरफ्तारी वारंट में ‘‘वास्तविक और सही आधार का उल्लेख’’नहीं था।
मर्चेंट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत द्वारा मंगलवार को इसी मामले के दो आरोपियों-मनीष राजगढ़िया और अविन साहू- को दी गई जमानत की ओर ध्यान आकर्षित कराया।
उन्होंने कहा, ‘‘ उनके खिलाफ भी आरोप समान है। बल्कि उनमें से एक पास से 2.6 ग्राम गांजा मिला था जबकि दूसरे ने उसका सेवन किया था।’’ देसाई ने कहा, ‘‘ इन लड़कों (आर्यन और मर्चेंट) को अगर समानता के आधार पर नहीं तो स्वतंत्रता के आधार पर जमानत दी जानी चाहिए...सख्त शर्तों के आधार पर इन्हें जमानत पर रिहा करें।’’
उन्होंने अदालत से कहा कि साजिश और उकसाने का आरोप एनसीबी ने बाद में लगाया है। देसाई ने कहा कि उन्हें (आर्यन और मर्चेंट) गिरफ्तार करने के बजाय एनसीबी द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-41ए (आरोपी को मामूली अपराध में बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस) का नोटिस जारी किया जाना चाहिए था।
देसाई ने सवाल किया, ‘‘उनकी गिरफ्तारी की क्या जरूरत थी जब साजिश का आरोप लगाया भी नहीं गया था।’’ उन्होंने कहा कि मामूली मात्रा में नशीला पदार्थ बरामद होने पर केवल एक साल की सजा का प्रावधान है। अत: यह मामूली अपराध था।
उल्लेखनीय है कि तीन अक्टूबर को एनसीबी द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट में केवल नशीले पदार्थ के सेवन एवं रखने से संबंधित एनडीपीएस अधिनियम की धारा-20(बी) और 27 का उल्लेख था।
उन्होंने कहा, ‘‘उसमें धारा-28 और 29 का उल्लेख नहीं है जो उकसाने और साजिश से संबंधित है।’’
देसाई ने कहा, ‘‘ मौके पर बरामद सामान का एनसीबी द्वारा किए गए आकलन के मुताबिक...ये तीनों अलग अलग मादक पदार्थ के सेवन और रखने का कार्य कर रहे थे। उस तारीख को तीनों के खिलाफ आधिकारिक रूप से साजिश का आरोप नहीं लगाया गया था।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘तीन अक्टूबर को एनसीबी ने उनकी हिरासत लेने के लिए मजिस्ट्रेट को यह मानने के लिए भ्रमित किया कि साजिश का आरोप भी लगाया गया है।’’
उच्च न्यायालय ने जब पूछा कि मामले के दो सह आरोपियों जिन्हें जमानत मिली है उनका कोई संबंध आर्यन खान और मर्चेंट से है तो देसाई ने कहा कि निश्चित तौर पर उनका कोई संबंध नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इन तीन आरोपियों की अन्य आरोपियों के बीच कोई व्हट्सऐप चैट नहीं है। एनसीबी जिन व्हाट्सऐप पर भरोसा कर रही है वे पुराने हैं और इस मामले से संबंधित नहीं है।’’
इन चैट के औचित्य पर सवाल उठाते हुए वकील ने कहा कि आर्यन और अन्य के कथित व्हाट्सऐप चैट को मीडिया को उपलब्ध कराया गया लेकिन वह अदालत के रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं है।

न्यायमूर्ति साम्बरे ने कहा कि ब्रिटेन ने इलेक्ट्रॉनिक सबूत को सत्यापित करने के लिए प्रमाण पत्र के प्रावधान को हटा दिया है लेकिन भारत में इसकी जरूरत होती है।
धमेचा की ओर से पेश वकील काशिफ अली खान देशमुख ने कहा कि उनके मुवक्किल को बलि का बकरा इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि उन्हें आर्यन खान और मर्चेंट के साथ गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘एनसीबी ने धमेचा को कथित ड्रग नेटवर्क का हिस्सा बना दिया है। लेकिन वह इन लोगों (खान और मर्चेंट) को जानती तक नहीं है। वह मध्यप्रदेश के छोटे शहर से आई है और फैशन मॉडल है।’’
उन्होंने कहा कि धमेचा ने कभी मादक पदार्थ का सेवन नहीं किया है और चिकित्सा जांच से इसकी पुष्टि की जा सकती है।
उधर, एनसीबी के उत्तरी क्षेत्र के उप महानिदेशक (डीडीजी) ज्ञानेश्वर सिंह ने मीडिया को बताया कि पांच सदस्यीय सतर्कता टीम बुधवार सुबह मुंबई पहुंची और उसने अपनी जांच शुरू कर दी है जिसके तहत दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित कार्यालय से कुछ दस्तावेजों और रिकॉर्डिंग को एकत्र किया गया है। सिंह वसूली के मामले की विभागीय सतर्कता जांच का नेतृत्व कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मामले की जांच के दौरान सभी गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जाएगा, मैं किसी व्यक्ति का नाम नहीं लूंगा।’’
हालांकि, संवाददाताओं द्वारा सवाल किए जाने पर अधिकारी ने बाद में बताया, ‘‘वानखेड़े का बयान दर्ज किया जा रहा है...यह संवेदनशील जांच हैं और वास्तविक समय में जांच संबंधी जानकारी साझा करना संभव नहीं हैं, हम विस्तृत जानकारी साझा नहीं कर पाएंगे।’’
एनसीबी के मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में सिंह ने कहा, ‘‘साढ़े चार घंटे तक दर्ज किए गए बयान के दौरान वानखेड़े ने कई चीजें टीम के सामने रखीं और हम आने वाले दिनों में भी उनसे कुछ और दस्तावेज एकत्र करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हम उनसे और जानकारी मांगेंगे।’’
संवाददाताओं ने जब पूछा कि क्या वानखेड़े क्रूज जहाज से मादक पदार्थ जब्त होने के मामले की जांच जारी रखेंगे तो सिंह ने कहा, ‘‘ जांच को आगे बढ़ने दीजिये। जो भी सामने आएगा, उससे महानिदेशक को अवगत कराया जाएगा। मैं मीडिया के माध्यम से के पी गोसावी और प्रभाकर सैल से अपील करता हूं कि वे जांच में शामिल हों।’’
एनसीबी ने मामले में स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल के दावों की सतर्कता जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने दावा किया था कि क्रूज़ जहाज छापेमारी मामले में आरोपी आर्यन खान को छोड़ने के लिए एनसीबी की मुंबई क्षेत्रीय इकाई के निदेशक सीमर वानखेड़े सहित एजेंसी के कुछ अधिकारियों ने 25 करोड़ रुपये मांगे थे।

इस बीच, समीर वानखेड़े की 2006 में पहली शादी कराने वाले काजी ने बुधवार को दावा किया कि अधिकारी एक मुस्लिम परिवार से संबंधित हैं अन्यथा उनका निकाह इस्लाम के अनुसार नहीं कराया जाता।

काजी का यह दावा महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक के उन आरोपों की पृष्ठभूमि में आया है कि वानखेड़े जन्म से मुस्लिम थे लेकिन जाति प्रमाण पत्र सहित विभिन्न दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया ताकि वह यह दिखा सकें कि वह हिंदू अनुसूचित जाति से संबंधित हैं और आरक्षण के तहत यूपीएससी परीक्षा पास कर नौकरी पा सकें।

मौलाना मुजम्मिल अहमद ने एक न्यूज चैनल से कहा, ‘‘मैंने समीर वानखेड़े और शबाना कुरैशी का निकाह कराया था। उनके पिता ने मुंबई के लोखंडवाला परिसर इलाके में शादी कराने के लिए मुझसे संपर्क किया था। दूल्हे का नाम समीर दाऊद वानखेड़े था जिसने शबाना कुरैशी से शादी की थी।’’
वानखेड़े के हिंदू होने के दावे के बारे में पूछे जाने पर काजी ने कहा कि अगर समीर वानखेड़े हिंदू होते तो निकाह नहीं कराया जाता। उन्होंने यह भी दावा किया कि सभी गवाहों ने इस्लामी रीति-रिवाजों के अनुसार निकाहनामे पर हस्ताक्षर किए थे।

एनसीबी अधिकारी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने अपनी दिवंगत मां की इच्छा के अनुसार (2006 में) मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की थी। वानखेड़े ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘धर्मनिरपेक्ष देश में अपनी मां की इच्छा को पूरा करना कोई अपराध नहीं है। मुझे अपने देश में धर्मनिरपेक्षता पर गर्व है। मेरी मां मुस्लिम थीं और मेरे पिता हिंदू हैं। मैं उन दोनों से बहुत प्यार करता हूं।’’ वानखेड़े ने जोर दिया कि उन्होंने कभी इस्लाम नहीं अपनाया था और वह हिंदू हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पहली शादी एक महीने के भीतर विशेष विवाह कानून के तहत पंजीकृत की गई थी। उन्होंने दावा किया, ‘‘तलाक की प्रक्रिया भी विशेष विवाह कानून के तहत पूरी की गई थी। मैंने कभी भी इस्लाम नहीं अपनाया था और मैं अपने परिवार की हिंदू जाति से हूं।’’
इस बीच, वानखेड़े के पिता ने अपने धर्म को लेकर एक बार फिर नवाब मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया। मलिक ने कहा था कि वानखेड़े सीनियर का वास्तविक नाम दाऊद वानखेड़े है न कि ज्ञानदेव वानखेड़े।

वहीं, समीर वानखेड़े की पत्नी क्रांति रेडकर ने बुधवार को कहा कि उनके पति का जन्म एक हिंदू के रूप में हुआ था और उन्होंने कभी अपना धर्म नहीं बदला।
क्रांति रेडकर ने 2006 में समीर वानखेड़े की पहली शादी कराने वाले काजी द्वारा किए गए उस दावे का भी विरोध किया, जिसमें काजी ने कहा है कि समीर ''निकाह'' के समय मुस्लिम थे।
समीर वानखेड़े से 2017 में शादी करने वाली क्रांति रेडकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) के नेता एवं महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि मलिक उनके पति के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर घटिया स्तर की राजनीति कर रहे हैं।
एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक की पत्नी रेडकर ने कहा, ‘‘क्या वह काजी संविधान से ऊपर है? उसे यह दिखाने के लिए कागजात पेश करने चाहिए कि समीर वानखेड़े ने अपनी पहली पत्नी से शादी करने के लिए (इस्लाम में) धर्मांतरण किया था। समीर ने अपनी मां जोकि एक मुस्लिम थीं, उनकी इच्छा पूरी करने के लिए ही 2006 में इस्लाम के अनुसार निकाह किया था।’’


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