पत्र युद्ध : उद्धव ने राज्यपाल से महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर संसद सत्र का अनुरोध करने को कहा

punjabkesari.in Wednesday, Sep 22, 2021 - 10:22 AM (IST)

मुंबई, 21 सितंबर (भाषा) साकीनाका बलात्कार और हत्या की पृष्ठभूमि में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा पत्र लिखे जाने के कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पलटवार करते हुए कहा कि राज्यपाल को महिलाओं की सुरक्षा और उन पर बढ़ते हमलों से जुड़े मुददों पर चर्चा के लिए संसद का सत्र बुलाने का केंद्र से अनुरोध करना चाहिए।
ठाकरे ने सोमवार को राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में कोश्यारी के गृह राज्य उत्तराखंड सहित भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आंकड़े दिए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा इस तरह के "निर्देश" से एक नया विवाद पैदा हो सकता है और लोकतांत्रिक संसदीय प्रक्रियाओं को नुकसान हो सकता है।
कोश्यारी ने हाल ही में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने को कहा था।
ठाकरे ने अपने पत्र में कहा कि उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के बारे में कोश्यारी की चिंताओं का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा, “मुंबई की साकीनाका घटना की पृष्ठभूमि में महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के संबंध में, मैं आपकी भावनाओं को समझ सकता हूं। आपकी आत्मा एक राजनीतिक कार्यकर्ता की है। हालाँकि, आपके द्वारा दिए गए निर्देश से एक नया विवाद पैदा हो सकता है।’’
इस महीने की शुरुआत में मुंबई के साकीनाका इलाके में एक महिला के साथ बलात्कार करने के साथ ही बर्बर व्यवहार किया गया था। पीड़िता की बाद में अस्पताल में मौत हो गयी थी।

ठाकरे ने लिखा, “यह संसदीय लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के लिए हानिकारक है कि राज्यपाल भी वही मांग करते हैं जो राज्य सरकार का विरोध करने वाले कर रहे हैं। राज्य ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है।’’ मुख्यमंत्री ने सवाल किया, “आपका गृह राज्य उत्तराखंड, देवभूमि के रूप में भी जाना जाता है। सरकारी आंकड़े दर्शाते हैं कि महिलाओं पर हमलों की घटनाओं में 150 प्रतिशत तक की वृद्धि हुयी है। क्या वहां विशेष सत्र बुलायी जा सकती है?”
ठाकरे ने लिखा कि पड़ोसी राज्य गुजरात में पिछले दो साल के दौरान 14,229 महिलाएं लापता हो गयीं। ‘‘गुजरात पुलिस की रिपोर्ट कहती है कि कम से कम 14 महिलाओं को रोजाना बलात्कार या यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। इतनी अधिक संख्या को देखते हुए, गुजरात में कम से कम एक महीने के सत्र की आवश्यकता है।’’


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News