पुणे की टीम ने हिमालय में माउंट मांडा को फतह किया
punjabkesari.in Wednesday, Sep 22, 2021 - 10:21 AM (IST)
मुंबई, 21 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र में पुणे के पर्वतारोहियों ने हिमालय में 6,510 मीटर की चोटी माउंट मांडा- I को फतह किया है और वे इस चोटी पर उस रास्ते से गए हैं जिसे बेहद मुश्किल माना जाता है।
समूह के एक सदस्य ने बताया कि पर्वतरोही क्लब ‘गिरिप्रेमी’ ने शनिवार को यह उपलब्धि हासिल की है और उत्तरी रिज से चोटी फतह करने वाली पहली भारतीय टीम बन गई है।
क्लब के सदस्य और अभियान के मेंटर उमेश जिरपे ने बताया कि वैश्वविक तौर पर यह इस मार्ग से दूसरा आरोहण है जो सफल हुआ है। इससे पहले इस मार्ग से एक जापानी टीम शीर्ष पर पहुंचने में कामयाब रही थी।
जिरपे ने पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया, “ हमने 1989 और 1991 में भी इस चोटी पर चढ़ने की कोशिश की थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिली थी। अप्रत्याशित मौसम, खड़ी चढ़ाई, संकरी रिज और पत्थरों के गिरने का अंदेशा चढ़ाई को चुनौतीपूर्ण बनाता है।”
उन्होंने बताया कि ‘गिरिप्रेमी’ के पर्वतरोहियों ने पिछले एक दशक में 14 में से आठ चोटियों को फतह किया है और आठ हजार मीटर से अधिक की चढ़ाई की है।
जिरपे के मुताबिक, नया आरोहण हालांकि कम ऊंचाई पर था लेकिन यह कंचनजंगा या एवरेस्टो जितना ही चुनौतीपूर्ण था।
सुमीत मंडले, विवेक शिवाडे और पवन हडोले शनिवार को अपने पर्वत गाइड मिंगम शेरपा और निम दोरजे शेरपा के साथ चोटी पर पहुंचे। अभियान की अगुवाई आनंद माली ने की।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
समूह के एक सदस्य ने बताया कि पर्वतरोही क्लब ‘गिरिप्रेमी’ ने शनिवार को यह उपलब्धि हासिल की है और उत्तरी रिज से चोटी फतह करने वाली पहली भारतीय टीम बन गई है।
क्लब के सदस्य और अभियान के मेंटर उमेश जिरपे ने बताया कि वैश्वविक तौर पर यह इस मार्ग से दूसरा आरोहण है जो सफल हुआ है। इससे पहले इस मार्ग से एक जापानी टीम शीर्ष पर पहुंचने में कामयाब रही थी।
जिरपे ने पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया, “ हमने 1989 और 1991 में भी इस चोटी पर चढ़ने की कोशिश की थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिली थी। अप्रत्याशित मौसम, खड़ी चढ़ाई, संकरी रिज और पत्थरों के गिरने का अंदेशा चढ़ाई को चुनौतीपूर्ण बनाता है।”
उन्होंने बताया कि ‘गिरिप्रेमी’ के पर्वतरोहियों ने पिछले एक दशक में 14 में से आठ चोटियों को फतह किया है और आठ हजार मीटर से अधिक की चढ़ाई की है।
जिरपे के मुताबिक, नया आरोहण हालांकि कम ऊंचाई पर था लेकिन यह कंचनजंगा या एवरेस्टो जितना ही चुनौतीपूर्ण था।
सुमीत मंडले, विवेक शिवाडे और पवन हडोले शनिवार को अपने पर्वत गाइड मिंगम शेरपा और निम दोरजे शेरपा के साथ चोटी पर पहुंचे। अभियान की अगुवाई आनंद माली ने की।
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