मुंबई में परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन वसूली मामला सीआईडी को सौंपा गया
punjabkesari.in Wednesday, Aug 18, 2021 - 11:03 PM (IST)
मुंबई, 18 अगस्त (भाषा) भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी परमबीर सिंह के खिलाफ मुंबई में दर्ज जबरन उगाही के एक मामले को महाराष्ट्र पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को स्थानांतरित कर दिया गया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।
मुंबई पुलिस ने सिंह के खिलाफ जबरन वसूली के मामले और इसी तरह के एक अन्य मामले (जो उनसे संबंधित नहीं था) की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था जिसे अपराध शाखा की इकाई 9 देख रही थी।
अधिकारी ने बताया कि शहर की पुलिस ने 22 जुलाई को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सिंह, पांच अन्य पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये की मांग करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी।
उन्होंने बताया कि प्राथमिकी 57 वर्षीय रियल एस्टेट डेवलपर श्यामसुंदर अग्रवाल द्वारा दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव थाने में दर्ज करायी गई एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान पुलिस ने अग्रवाल के पूर्व कारोबारी साझेदार संजय पुनामिया और उसके सहयोगी सुनील जैन को गिरफ्तार किया था।
उन्होंने कहा कि मामले में जिन पांच पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है, उनमें डीसीपी (अपराध शाखा) अकबर पठान, सहायक पुलिस आयुक्त श्रीकांत शिंदे, एसीपी संजय पाटिल, निरीक्षक आशा कोरके और अपराध शाखा के निरीक्षक नंदकुमार गोपाल शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि मरीन ड्राइव थाने में दर्ज जबरन वसूली मामले की जांच के दायरे को देखते हुए इसकी जांच एसआईटी से राज्य सीआईडी को स्थानांतरित कर दी गई है।
सिंह पर ठाणे शहर में दो और जबरन वसूली के मामले हैं, जहां उन्होंने मुंबई में तैनात होने से पहले पुलिस आयुक्त के रूप में कार्य किया था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मुंबई पुलिस ने सिंह के खिलाफ जबरन वसूली के मामले और इसी तरह के एक अन्य मामले (जो उनसे संबंधित नहीं था) की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था जिसे अपराध शाखा की इकाई 9 देख रही थी।
अधिकारी ने बताया कि शहर की पुलिस ने 22 जुलाई को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सिंह, पांच अन्य पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये की मांग करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी।
उन्होंने बताया कि प्राथमिकी 57 वर्षीय रियल एस्टेट डेवलपर श्यामसुंदर अग्रवाल द्वारा दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव थाने में दर्ज करायी गई एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान पुलिस ने अग्रवाल के पूर्व कारोबारी साझेदार संजय पुनामिया और उसके सहयोगी सुनील जैन को गिरफ्तार किया था।
उन्होंने कहा कि मामले में जिन पांच पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है, उनमें डीसीपी (अपराध शाखा) अकबर पठान, सहायक पुलिस आयुक्त श्रीकांत शिंदे, एसीपी संजय पाटिल, निरीक्षक आशा कोरके और अपराध शाखा के निरीक्षक नंदकुमार गोपाल शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि मरीन ड्राइव थाने में दर्ज जबरन वसूली मामले की जांच के दायरे को देखते हुए इसकी जांच एसआईटी से राज्य सीआईडी को स्थानांतरित कर दी गई है।
सिंह पर ठाणे शहर में दो और जबरन वसूली के मामले हैं, जहां उन्होंने मुंबई में तैनात होने से पहले पुलिस आयुक्त के रूप में कार्य किया था।
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