कोविड-19 खत्म होने के बाद कर्मचारियों को कार्यालय आने के लिए कहेंगे: टीसीएस
punjabkesari.in Friday, Jun 11, 2021 - 12:17 AM (IST)
मुंबई 10 जून (भाषा) कोविड-19 के प्रकोप के कारण ‘वर्क फ्रॉम होम’ यानी घर से काम करने के चलन के बीच टाटा संस के चेयरमैन ने कहा कि वह महामारी खत्म होने के बाद कर्मचारियों से कार्यालय आने के लिए कहेंगे क्योंकि आपसी परिचर्चा एक सामाजिक आवश्यकता है।
देश की सबसे बड़े सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सविर्सिज (टीसीएस) के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि भले ही मौजूदा स्थिति में काम करने का एक नया हाइब्रिड मॉडल अपनाया गया हो लेकिन महामारी समाप्त होने पर टीसीएस भविष्य में अपने कर्मचारियों से कार्यालय आ कर काम करने के लिए कहेगी।
टीसीएस की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कहना चाहता हूं की लोगों को एक दूसरे से मिलने की जरुरत है, बल्कि यह एक सामाजिक आवश्यकता है। महामारी के खत्म होने के बाद, बदलाव आयेगा, लोगों को काम पर जाने के लिये कहा जायेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में महामारी के कारण कंपनी के 97 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। काम करने का यह नया तरीका अब सामान्य है। हमारा मानना है कि भविष्य में बड़ी संख्या में लोग घर से काम करेंगे और कभी-कभी कार्यालय भी आया करेंगे। यह काम करने का नया तरीका होगा।’’
चंद्रशेखरन टाटा संस के चेयरमैन होने के साथ साथ समूह की कंपनियों के भी चेयरमैन हैं। उनसे जब एक शेयरधारक ने पूछा कि लोग यदि घर से ही काम करते रहेंगे तो कंपनी के बड़े बड़े परिसरों और रियल एस्टेट का क्या होगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अभी भी मानना है कि कार्यालयों की जरूरत होगी। इनकी खपत का स्तर कम हो सकता है, लेकिन एक बार लोग काम पर आने लगेंगे तो कार्यालयों में काफी सहयोगात्मक कार्यस्थल उपलब्ध होगा।’’
चंद्रशेखरन ने कहा कि टीसीएस के 4.88 लाख कर्मचारियों में से पांच प्रतिशत कोविड संक्रमण से प्रभावित हुये और जो संक्रमित हुये उनमें से 80 प्रतिशत ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी में 150 राष्ट्रीयता के लोग काम करते हैं और जहां भी कंपनी काम करते हैं वहां के लोगों में निवेश कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी के लेटिन अमेरिका में 15,000 कर्मचारी हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
देश की सबसे बड़े सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सविर्सिज (टीसीएस) के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि भले ही मौजूदा स्थिति में काम करने का एक नया हाइब्रिड मॉडल अपनाया गया हो लेकिन महामारी समाप्त होने पर टीसीएस भविष्य में अपने कर्मचारियों से कार्यालय आ कर काम करने के लिए कहेगी।
टीसीएस की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कहना चाहता हूं की लोगों को एक दूसरे से मिलने की जरुरत है, बल्कि यह एक सामाजिक आवश्यकता है। महामारी के खत्म होने के बाद, बदलाव आयेगा, लोगों को काम पर जाने के लिये कहा जायेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में महामारी के कारण कंपनी के 97 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। काम करने का यह नया तरीका अब सामान्य है। हमारा मानना है कि भविष्य में बड़ी संख्या में लोग घर से काम करेंगे और कभी-कभी कार्यालय भी आया करेंगे। यह काम करने का नया तरीका होगा।’’
चंद्रशेखरन टाटा संस के चेयरमैन होने के साथ साथ समूह की कंपनियों के भी चेयरमैन हैं। उनसे जब एक शेयरधारक ने पूछा कि लोग यदि घर से ही काम करते रहेंगे तो कंपनी के बड़े बड़े परिसरों और रियल एस्टेट का क्या होगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अभी भी मानना है कि कार्यालयों की जरूरत होगी। इनकी खपत का स्तर कम हो सकता है, लेकिन एक बार लोग काम पर आने लगेंगे तो कार्यालयों में काफी सहयोगात्मक कार्यस्थल उपलब्ध होगा।’’
चंद्रशेखरन ने कहा कि टीसीएस के 4.88 लाख कर्मचारियों में से पांच प्रतिशत कोविड संक्रमण से प्रभावित हुये और जो संक्रमित हुये उनमें से 80 प्रतिशत ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी में 150 राष्ट्रीयता के लोग काम करते हैं और जहां भी कंपनी काम करते हैं वहां के लोगों में निवेश कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी के लेटिन अमेरिका में 15,000 कर्मचारी हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Shukrawar Upay: कुंडली में शुक्र है कमजोर तो कर लें ये उपाय, कष्टों से मिलेगा छुटकारा
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Chanakya Niti: श्मशान घाट की तरह होते हैं ऐसे घर, नहीं रहती इनमें खुशियां