अत्याचार संबंधी प्राथमिकी मामले में अवकाशकालीन पीठ के पास जा सकते हैं परमबीर सिंह : उच्च न्यायालय
punjabkesari.in Thursday, May 06, 2021 - 04:21 PM (IST)
मुंबई, छह मई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परम बीर सिंह अत्याचार के मामले में ठाणे पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी रद्द कराने के लिये अवकाशकालीन पीठ से संपर्क कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पितले की खंड पीठ ने समय की कमी का हवाला देते हुए कहा कि पीठ बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए सिंह की याचिका नहीं ले सकती।
अदालत ने कहा, ‘‘अगर जल्दी है तो आप (सिंह) अवकाशकालीन पीठ के पास जा सकते हैं।’’
सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खम्बाटा ने कहा कि मामले में कोई जल्दबाजी नहीं है।
सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि याचिकाकर्ता ही यह निर्णय लेगा कि क्या ऐसा करना आवश्यक है या नहीं।
अदालत ने फिर कहा कि वह बृहस्पतिवार को मामले में सुनवाई नहीं कर सकती और याचिकाकर्ता चाहे तो अवकाशकालीन पीठ के समक्ष जा सकता है।
सिंह ने अपनी याचिका में पिछले महीने अत्याचार रोकथाम कानून के तहत अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया है।
यह प्राथमिकी महाराष्ट्र के अकोला में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर भीमराव घाडगे की शिकायत पर आधारित है।
घाडगे ने अपनी शिकायत में ठाणे में तैनाती के दौरान सिंह एवं अन्य अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पितले की खंड पीठ ने समय की कमी का हवाला देते हुए कहा कि पीठ बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए सिंह की याचिका नहीं ले सकती।
अदालत ने कहा, ‘‘अगर जल्दी है तो आप (सिंह) अवकाशकालीन पीठ के पास जा सकते हैं।’’
सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खम्बाटा ने कहा कि मामले में कोई जल्दबाजी नहीं है।
सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि याचिकाकर्ता ही यह निर्णय लेगा कि क्या ऐसा करना आवश्यक है या नहीं।
अदालत ने फिर कहा कि वह बृहस्पतिवार को मामले में सुनवाई नहीं कर सकती और याचिकाकर्ता चाहे तो अवकाशकालीन पीठ के समक्ष जा सकता है।
सिंह ने अपनी याचिका में पिछले महीने अत्याचार रोकथाम कानून के तहत अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया है।
यह प्राथमिकी महाराष्ट्र के अकोला में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर भीमराव घाडगे की शिकायत पर आधारित है।
घाडगे ने अपनी शिकायत में ठाणे में तैनाती के दौरान सिंह एवं अन्य अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
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