सेबी प्रमुख ने कहा, मार्च के निचले स्तर के बाद सिर्फ लार्ज कैप नहीं, मिड कैप, स्मॉल कैप शेयर भी चढ़े

punjabkesari.in Wednesday, Oct 21, 2020 - 07:38 PM (IST)

मुंबई, 21 अक्टूबर (भाषा) भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा है कि महामारी के झटके के बाद पूंजी बाजारों में व्यापक आधार पर सुधार हुआ है। शेयर बाजारों में तेजी तथा सुस्त अर्थव्यवस्था के बीच ‘किसी तरह का तालमेल’ नहीं होने की आलोचनाओं के बीच सेबी प्रमुख का यह बयान आया है।
त्यागी ने बुधवार को कहा कि इसमें कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं, और बाजार में सुधार ‘व्यापक’ रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास के साथ कई अन्य बाजार विश्लेषक कहते रहे हैं कि शेयर कीमतों में तेजी और महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था में कोई ‘तालमेल’ नहीं है। उनका कहना है कि दुनियाभर में तरलता की स्थिति सुगम होने की वजह से शेयर बाजार चढ़ रहे हैं।
त्यागी ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आप लगातार सुन रहे होंगे कि तरलता तथा ब्याज दरें निचले स्तर पर होने की वजह से बाजार चढ़ रहे हैं। बाजार और वास्तविक अर्थव्यवस्था में ‘जुड़ाव’ नहीं है। मैं आपके पास बाजार में सुधार के कुछ सकारात्मक पक्ष रखना चाहूंगा।’’
त्यागी ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि बाजार में सुधार व्यापक है। सिर्फ बड़े शेयरों (लार्ज कैप) में ही सुधार नहीं हुआ है, मिड कैप और स्मॉल कैप शेयर भी सुधरे हैं।’’ उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोविड-19 को महामारी घोषित किए जाने के बाद पूंजी बाजार में भारी गिरावट आई थी। लेकिन अब बाजार इस झटके से उबर चुके हैं और जनवरी, 2020 के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर के पास पहुंच चुके हैं।
बाजार भागीदारों का कहना है कि निवेशक मौजूदा कठिन समय से आगे देख रहे हैं और दांव लगा रहे हैं।
सेबी प्रमुख ने कहा कि मार्च में निचला स्तर छूने के बाद लार्ज और मिड कैप शेयर करीब 55 प्रतिशत चढ़ चुके हैं। स्मॉल कैप में करीब 70 प्रतिशत की तेजी आई है।
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 30 सितंबर तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के 93 प्रतिशत से अधिक तथा बीएसई के 75 प्रतिशत से ज्यादा शेयरों ने निवेशकों को सकारात्मक रिटर्न दिया है। उन्होंने बताया कि दैनिक नकद बाजार कारोबार करीब 54 प्रतिशत बढ़कर 60,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर के दौरान 63 लाख नए डीमैट खाते खोले गए। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 27.4 लाख रहा था। इस तरह डीमैट खातों की संख्या में 130 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं इस अवधि में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय बाजार में शुद्ध रूप से 11 अरब डॉलर का निवेश किया है। वहीं अन्य उभरते बाजारों में एफपीआई का निवेश नकारात्मक रहा है। मार्च में जरूर भारतीय बाजारों से निकासी हुई थी। इस दौरान विशेष रूप से ऋण या बांड बाजार से निकासी देखने को मिली है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में निवेश का कुल प्रवाह 1.47 लाख करोड़ रुपये रहा है।

त्यागी ने कहा कि बाजार नियामक ने कोविड-19 महामारी के दौरान जो कदम उठाए हैं, उनसे पूंजी बाजारों को मदद मिली। नियामक आगे भी सतर्क रहेगा और बाजार में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव की स्थिति में कदम उठाएगा।
सेबी प्रमुख ने कहा कि पिछले दो साल के दौरान स्वतंत्र निदेशकों द्वारा इस्तीफा देने के मामले बढ़े हैं। त्यागी ने बताया, ‘‘हमने इन लोगों से कहा है कि यदि उन्होंने कंपनी के कामकाज के संचालन की चिंता को लेकर इस्तीफा दिया है, तो वे इसकी जानकारी नियामक को दें।’’


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PTI News Agency

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