महाराष्ट्र : मदरसों को लेकर मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी के मामले पर राकांपा ने भाजपा पर निशाना साधा
punjabkesari.in Friday, Oct 16, 2020 - 08:19 PM (IST)
मुंबई, 16 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने शुक्रवार को भाजपा पर उसके एक विधायक द्वारा मदरसों की सरकारी मदद रोकने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी को लेकर निशाना साधा।
उल्लेखनीय है कि बृहस्पतिवार को मुंबई के कांदिवली पूर्व से भाजपा विधायक अतुल भटखालकर ने उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में उनसे सरकार द्वारा वित्तपोषित मदरसों को बंद करने का साहस दिखाने और स्वयं को हिन्दुत्व समर्थक प्रमाणित करने की मांग की थी।
मलिक ने कहा कि भाजपा ने यह मुद्दा राजनीतिक तौर पर और लोगों को बांटने के प्रतिशोधी उद्देश्य से उठा रही है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि क्यों नहीं उसने इस दिश में कदम उठाया जबकि वह वर्ष 2019 से सत्ता में थी।
एक वीडियो संदेश में मलिक ने कहा कि राज्य सरकार मदरसों में गणित, मराठी, हिंदी और अंग्रेजी पढ़ाने वालों को पांच हजार रुपये महीने का मानदेय देती है ताकि यहां के पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मुख्य धारा में लाया जा सके।
मंत्री ने कहा कि यह योजना उस समय लागू थी जब देवेंद्र फडणवीस सरकार भी सत्ता थी और भाजपा को इस तरह की मांग करने से पहले आत्ममंथन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, यह मांग राजनीतिक उद्देश्य से की जा रही है। भाजपा इस तरह की मांग प्रतिशोधात्मक रवैये, राजनीतिक नफरत फैलाने, लोगों को बांटने और मुख्यमंत्री को चुनौती देने के लिए कर रही है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उल्लेखनीय है कि बृहस्पतिवार को मुंबई के कांदिवली पूर्व से भाजपा विधायक अतुल भटखालकर ने उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में उनसे सरकार द्वारा वित्तपोषित मदरसों को बंद करने का साहस दिखाने और स्वयं को हिन्दुत्व समर्थक प्रमाणित करने की मांग की थी।
मलिक ने कहा कि भाजपा ने यह मुद्दा राजनीतिक तौर पर और लोगों को बांटने के प्रतिशोधी उद्देश्य से उठा रही है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि क्यों नहीं उसने इस दिश में कदम उठाया जबकि वह वर्ष 2019 से सत्ता में थी।
एक वीडियो संदेश में मलिक ने कहा कि राज्य सरकार मदरसों में गणित, मराठी, हिंदी और अंग्रेजी पढ़ाने वालों को पांच हजार रुपये महीने का मानदेय देती है ताकि यहां के पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मुख्य धारा में लाया जा सके।
मंत्री ने कहा कि यह योजना उस समय लागू थी जब देवेंद्र फडणवीस सरकार भी सत्ता थी और भाजपा को इस तरह की मांग करने से पहले आत्ममंथन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, यह मांग राजनीतिक उद्देश्य से की जा रही है। भाजपा इस तरह की मांग प्रतिशोधात्मक रवैये, राजनीतिक नफरत फैलाने, लोगों को बांटने और मुख्यमंत्री को चुनौती देने के लिए कर रही है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।