कोरोना : अदालत ने महाराष्ट्र की जेलों में आईसीएमआर दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा

punjabkesari.in Thursday, Jul 02, 2020 - 08:43 PM (IST)

मुंबई, दो जुलाई (भाषा) कैद में होने के बावजूद बंदियों के मानवाधिकार होने पर जोर देते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) तथा अन्य एजेंसियों के दिशानिर्देशों का पालन करें ताकि कैदियों की कोरोना वायरस से सुरक्षा हो सके।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने यह निर्देश दिया और इसके साथ ही विभिन्न जनहित याचिकाओं का निस्तारण कर दिया। इन याचिकाओं में अनुरोध किया गया था कि मौजूदा महामारी के दौरान जेल में बंद कैदियों की सुरक्षा की जाए।

पीठ ने कहा कि सरकार को स्क्रीनिंग के साथ ही स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए और जेलों में सामाजिक दूरी आदि सुनिश्चित करनी चाहिए तथा संक्रमित कैदियों के स्वास्थ्य के बारे में परिवार के सदस्यों को जानकारी देते रहना चाहिए।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने टिप्पणी की थी कि जेलों में भीड़भाड़ का मुद्दा गंभीर चिंता का विषय है।

पीठ ने कहा कि इसलिए राज्य को मौजूदा महामारी को देखते हुए अपनी जेलों, सुधार गृहों तथा 27 जिलों में स्थापित 36 अस्थायी जेलों में कैदियों की सुरक्षा और स्वच्छता के लिए सभी उपाय करने चाहिए।

पीठ ने कहा कि यह अच्छी तरह से तय है कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन का अधिकार सुरक्षित होने का मतलब मानवीय गरिमा के साथ जीने का अधिकार भी शामिल है।

अदालत ने कहा, ‘‘अब यह स्थापित हो गया है कि जब भी किसी व्यक्ति को दोषी ठहराया जाता है और उसे कैद किया जाता है ... उसके सभी मौलिक अधिकार नहीं समाप्त हो जाते।’’


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PTI News Agency

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