सरकार ने गैर- बैंकिंग रिणदाताओं के लिये 30 हजार करोड़ रुपये की विशेष नकदी योजना शुरू की

punjabkesari.in Wednesday, Jul 01, 2020 - 11:51 PM (IST)

मुंबई, एक जुलाई (भाषा) सरकार ने बुधवार को 30 हजार करोड़ रुपये की एक योजना की शुरुआत की। इसके तहत एक विशेष उद्देशीय निकाय (एसपीवी) के जरिये गैर- बैंकिंग रिणदाताओं को अल्पकालिक नकदी उपलब्ध कराई जायेगी। एसपीवी, भारतीय स्टेट बैंक की अनुषंगी एसबीआई कैप ने स्थापित की है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल मार्च में इस विशेष योजना की घोषणा की थी। इसका मकसद गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) की नकदी स्थिति में सुधार लाया जाना है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को एक अधिसूचना में कहा कि योजना के तहत बनाई गई एसपीवी योग्य गैर-बैंकिंग ऋणदाताओं से उनके द्वारा जारी अल्पकालिक रिणपत्रों को खरीदेगी। इससे प्राप्त धन का इस्तेमाल ये रिणदाता अपनी मौजूदा देनदारियों को चुकाने के लिये करेंगे।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि रिजर्व बैंक इस विशेष नकदी योजना के लिये सरकारी गारंटी वाली विशेष प्रतिभूतियों को खरीदकर वित्त उपलब्ध करायेगा। इन प्रतिभूतियों को एसबीआई कैपिटल मार्किट्स लिमिटेड द्वारा स्थापित एलएसएल ट्रस्ट द्वारा जारी किया जायेगा। इस तरह की प्रतिभूतियों से जुटाई जाने वाली राशि किसी भी समय 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगी।

सरकार इस ट्रस्ट द्वारा जारी की जाने वाली विशेष प्रतिभूतियों के लिये बिना किसी शर्त के पक्की गारंटी देगी।
मंत्रालय के अनुसार योजना एक जुलाई 2020 को जारी की जा रही है। योजना को एसएलएस ट्रस्ट द्वारा जारी किया जायेगा जिसकी स्थापना एसबीआईकैप द्वारा एक एसपीवी के तौर पर की गई है।
आरबीआई ने कहा कि इसके लिए वाणिज्यिक पत्र (सीपी) और गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्रों (एनसीडी) का इस्तेमाल किया जाएगा, जिनकी परिपक्वता अवधि तीन महीने से अधिक नहीं होगी।
हालांकि, यह सुविधा 30 सितंबर 2020 के बाद जारी किए गए किसी भी पत्र के लिए उपलब्ध नहीं होगी और एसपीवी 30 सितंबर 2020 के बाद नई खरीद नहीं करेगा और 31 दिसंबर 2020 तक पूरा बकाया वसूल करेगा।

राष्ट्रीय आवासीय बैंक कानून के तहत पंजीकृत आवास वित्त कंपनियां और एनबीएफसी इस विशेष नकदी योजना का लाभ ले सकती हैं।
बयान में कहा गया कि योजना का लाभ लेने के लिए 31 मार्च 2019 तक उनकी कुल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) छह ​​प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए और पिछले दो वित्त वर्षों (2017-18 और 2018-19) में कम से कम एक में उन्हें मुनाफा होना चाहिए।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

PTI News Agency

Recommended News

Related News