महाराष्ट्र : एमवीए गठबंधन ने राष्ट्रपति शासन की मांग की आलोचना की, भाजपा भी इसके पक्ष में नहीं
punjabkesari.in Tuesday, May 26, 2020 - 07:55 PM (IST)
मुंबई, 26 मई (भाषा) भाजपा के एक सांसद द्वारा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग के एक दिन बाद मंगलवार को सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने विपक्षी दल पर राज्य सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया ।
दूसरी तरफ, भाजपा ने इससे इनकार किया कि वह राष्ट्रपति शासन चाहती है लेकिन कहा कि राज्य सरकार कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है ।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य नारायण राणे ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सोमवार को मुलाकात की और वैश्विक महामारी से निपटने में शिवसेना नीत राज्य सरकार की ‘‘विफलता” के मद्देनजर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
इस पर पलटवार करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर राष्ट्रपति शासन लगाना ही है तो केंद्र को गुजरात में इसे लगाना चाहिए।
राउत ने कहा, “अगर आप कोविड-19 संकट से निपटने को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय की टिप्पणी देखें तो (गुजरात) राज्य का प्रदर्शन महाराष्ट्र की तुलना में बुरा है।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने राणे के बयान से पार्टी को अलग कर लिया।
मुनगंटीवार ने कहा कि भले ही महाराष्ट्र में कोविड-19 की स्थिति “भयावह” है लेकिन राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के पास पर्याप्त संसाधन हैं लेकिन राज्य सरकार सारी कोशिशें नहीं कर रही है।
राज्य के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के बारे में भाजपा अफवाह फैला रही है ।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार केंद्र के निर्देशों का कड़ाई से पालन कर रही है।
कांग्रेस नेता और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि प्रदेश भाजपा के नेता सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है।
थोराट ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रदेश में भाजपा नेता सत्ता के लालची हैं। वे वर्तमान स्थिति में सरकार की मदद करने की नहीं सोच सकते बल्कि वे सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
देश में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा 52,000 मामले महाराष्ट्र में आए हैं। भाजपा संकट से निपटने में राज्य सरकार की क्षमता पर सवाल उठा रही है ।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
दूसरी तरफ, भाजपा ने इससे इनकार किया कि वह राष्ट्रपति शासन चाहती है लेकिन कहा कि राज्य सरकार कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है ।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य नारायण राणे ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सोमवार को मुलाकात की और वैश्विक महामारी से निपटने में शिवसेना नीत राज्य सरकार की ‘‘विफलता” के मद्देनजर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
इस पर पलटवार करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर राष्ट्रपति शासन लगाना ही है तो केंद्र को गुजरात में इसे लगाना चाहिए।
राउत ने कहा, “अगर आप कोविड-19 संकट से निपटने को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय की टिप्पणी देखें तो (गुजरात) राज्य का प्रदर्शन महाराष्ट्र की तुलना में बुरा है।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने राणे के बयान से पार्टी को अलग कर लिया।
मुनगंटीवार ने कहा कि भले ही महाराष्ट्र में कोविड-19 की स्थिति “भयावह” है लेकिन राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के पास पर्याप्त संसाधन हैं लेकिन राज्य सरकार सारी कोशिशें नहीं कर रही है।
राज्य के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के बारे में भाजपा अफवाह फैला रही है ।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार केंद्र के निर्देशों का कड़ाई से पालन कर रही है।
कांग्रेस नेता और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि प्रदेश भाजपा के नेता सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है।
थोराट ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रदेश में भाजपा नेता सत्ता के लालची हैं। वे वर्तमान स्थिति में सरकार की मदद करने की नहीं सोच सकते बल्कि वे सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
देश में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा 52,000 मामले महाराष्ट्र में आए हैं। भाजपा संकट से निपटने में राज्य सरकार की क्षमता पर सवाल उठा रही है ।
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