पीएमओ में सत्ता का केंद्रीकरण अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं : शिवसेना

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2019 - 08:39 PM (IST)

मुंबई, 10 दिसंबर (भाषा) शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में सत्ता का केंद्रीकरण देश की ‘‘खराब’’ अर्थव्यवस्था के मुख्य कारणों में से एक है।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया कि केंद्र सरकार वित्त मंत्री और आरबीआई के गवर्नर को अपने नियंत्रण में रखना चाहती है। इसमें कहा गया, ‘‘वर्तमान सरकार विशेषज्ञों की सुनने की मन:स्थिति में नहीं है तथा देश की अर्थव्यवस्था उनकी नजर में शेयर बाजार का ‘सट्टा’ हो गई है।’’
संपादकीय में कहा गया, ‘‘रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था गिरती जा रही है। अर्थव्यवस्था बीमार पड़ गई है। उन्होंने इसकी वजह प्रधानमंत्री कार्यालय में अधिकारों का केंद्रीकरण और अधिकार शून्य मंत्री को बताया है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान सरकार में निर्णय, कल्पना, योजना इन तमाम स्तरों का केंद्रीकरण हो गया है।’’
गौरतलब है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि की दर छह वर्ष में सबसे कम 4.5 फीसदी रही है।
शिवसेना ने कहा, ‘‘ देश की अर्थव्यवस्था का जो सर्वनाश हो रहा है उसके लिए पंडित नेहरू तथा इंदिरा गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।’’
संपादकीय में कहा गया, ‘‘ ‘मैं प्याज-लहसुन नहीं खाती इसलिए प्याज के बारे में मुझे मत पूछो’, ऐसा बचकाना जवाब देने वाली वित्तमंत्री इस देश को मिली हैं तथा प्रधानमंत्री को इसमें सुधार करने की इच्छा दिखाई नहीं देती।’’
इसमें कहा गया, ‘‘शासकों को अपनी मुट्ठी में रहने वाले वित्तमंत्री, रिजर्व बैंक के गवर्नर, वित्त सचिव, नीति आयोग के अध्यक्ष चाहिए और यही अर्थव्यवस्था की बीमारी की जड़ है।’’
शिवसेना ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को ‘‘लकवा’’ मार गया है और यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है। रघुराम अर्थव्यवस्था के बेहतरीन डॉक्टर हैं और उनके द्वारा किया गया नाड़ी परीक्षण सही है।
पार्टी ने कहा, ‘‘ फिलहाल अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में जोरदार पतझड़ जारी है। परंतु सरकार मानने को तैयार नहीं है। प्याज की कीमत 200 रुपए किलो को छू रही है। मोदी जब प्रधानमंत्री नहीं थे तब प्याज की बढ़ती कीमतों पर उन्होंने चिंता व्यक्त की थी। वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने कहा था कि ‘प्याज जीवनावश्यक वस्तु है। यदि ये इतना महंगा हो जाएगा तो प्याज को लॉकर्स में रखने का वक्त आ गया है।’ आज उनकी नीति बदल गई है। मोदी अब प्रधानमंत्री हैं और देश की अर्थव्यवस्था धराशायी हो गई है। बेहोश व्यक्ति को प्याज सुंघाकर होश में लाया जाता है। परंतु अब बाजार से प्याज ही गायब हो गया है इसलिए यह भी संभव नहीं है।’’
संपादकीय में कहा गया, ‘‘ बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाओं पर बेवजह जोर देकर आर्थिक भार बढ़ाया जा रहा है। अधिकार शून्य वित्तमंत्री और वित्त विभाग के कारण देश की नींव ही कमजोर होती है। पंडित नेहरू और उनके सहयोगियों ने जो कमाया उसे बेचकर खाने में ही फिलहाल खुद को श्रेष्ठ माना जा रहा है।’’


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

PTI News Agency

Recommended News