इजरायल को यरुशलम मामले में भारत के फैसले से निराशा

punjabkesari.in Friday, Jan 12, 2018 - 05:34 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमरीका द्वारा यरुशलम को इजरायली राजधानी के रूप में मान्यता देने को लेकर संयुक्त राष्ट्र में हुए मतदान पर भारत द्वारा विरोध में वोट देने पर इजरायल को मलाल है लेकिन वह भारत के साथ संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की भारत यात्रा शुरू होने के पहले इजरायल के राजदूत डेनियल कारमेन ने शुक्रवार को एक इस बारे में सवाल पूछे जाने पर कहा कि कई बार भारत अपने अनुरोध लेकर आता है और कई बार इजरायल अपने अनुरोध लेकर आता है। कभी वे पूरे हो पाते हैं और कभी नहीं भी हो पाते हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले भारत ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण में अपने न्यायाधीश को चुनाव में उतारा था तो इजरायल ने भारतीय जज को केवल समर्थन ही नहीं दिया था बल्कि उन्हें अपने उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार किया था। उन्होंने कहा कि खैर संयुक्त राष्ट्र एक गतिशील मंच है और हमारे बीच बहुत से फैसलों में साथ साथ काम करने के मौके आएंगे। हम भारत के साथ इजरायल के रिश्ते कहीं अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या संयुक्त राष्ट्र में यरुशलम को लेकर मतदान के पहले इजरायल ने भारत से औपचारिक अनुरोध किया था, कारमेन ने कहा कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्क लगातार कायम था। इस मामले में हमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय का साथ मिला जो बहुत महत्वपूर्ण है। पर हम हमेशा चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत भी हमारे पक्ष में खड़ा हो।

इजरायली राजदूत ने कहा कि भारत एवं इजरायल के राजनयिक संबंधों की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर दोनों देशों के राजनेता अगले 25, 50 और 75 साल के लिए दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए बात करेंगे।

भारत एवं इजरायल कृषि एवं जल के अलावा रक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद निरोधक और खुफिया सूचनाओं के साथ साथ सामाजिक आर्थिक विकास में साझेदारी करेेंगे। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में नवान्वेषण पर जोर होगा तथा दोनों प्रधानमंत्री दिल्ली और अहमदाबाद में कई मंचों पर नवान्वेषण, स्टार्ट अप्स पर बात करेंगे।

उन्होंने कहा कि सर्वाधिक जोर प्रौद्योगिकी साझा करने को लेकर है। हमारा सहयोग सब्जियां, रसदार फल, आम, फूल, डेयरी उत्पादों को लेकर नवान्वेषी तकनीक पर केन्द्रित है। प्रधानमंत्री इस दिशा में हुई प्रगति का जायजा लेंगे। रक्षा संबंधों को लेकर गाइडेड टैंकरोधी स्पाइक प्रक्षेपास्त्र को लेकर भारत एवं इजरायल के बीच प्रस्तावित सौदे में मतभेद आने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर कारमेन ने कहा कि यह सौदा भारत एवं इजरायल के बीच मेक इन इंडिया का उदाहरण होगा। इस बारे में अगर कोई मतभेद होंगे भी, तो उन्हें विश्वास है कि मतभेदों को बातचीत के माध्यम से दूर कर लिया जाएगा। 


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