भारत की प्रमुख समस्याओं के समाधान के लिए अनुसंधान योद्धाओं को प्रोत्साहित किया जाए: नारायण मूर्ति
punjabkesari.in Thursday, Jul 14, 2022 - 08:02 PM (IST)
बेंगलुरु, 14 जुलाई (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी जगत के दिग्गज एन. आर. नारायण मूर्ति ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत को पोषण और आश्रय जैसे क्षेत्रों से संबंधित ''''बड़ी समस्याओं'''' के समाधान के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है और इसके लिए भारतीय मानसिकता के सांस्कृतिक रूपांतरण की आवश्यकता है।
आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इंफोसिस के संस्थापक मूर्ति ने भारत की "बड़ी समस्याओं" से निपटने में अग्रिम पंक्ति के अनुसंधान योद्धाओं को पहचानने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
मूर्ति ने यहां इंफोसिस साइंस फाउंडेशन (आईएसएफ) की नयी इमारत के उद्घाटन के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए कहा, ''''हमारा देश वैज्ञानिक एवं अभियांत्रिकीय प्रगति कर रहा है। हमने अंतरिक्ष में रॉकेट और सैटेलाइट भेजे हैं। हमने इस्पात संयंत्र, ऊर्जा संयंत्र और बड़े-बड़े बांध बनाए हैं। हमने कोविड-19 रोधी टीकों का उत्पादन किया है। हमने हृदय और गुर्दा प्रतिरोपण किये हैं, लेकिन भारत को एक अरब 40 करोड़ की आबादी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, पोषण और आश्रय से संबंधित बड़ी समस्याओं के समाधान के लिए अब भी लंबा रास्ता तय करना है।''''
उन्होंने कहा, ''''विज्ञान, गणित और इंजीनियरिंग में रुचि रखने वाले लोगों के रूप में, हमें यह सोचना चाहिए कि विज्ञान, गणित और इंजीनियरिंग हमारी बड़ी समस्याओं को कैसे हल कर सकते हैं। मैं समझता हूं कि ऐसी बड़ी समस्याओं को केवल विज्ञान, गणित और इंजीनियरिंग से हल नहीं किया जा सकता। इसके लिए भारतीय मानसिकता के सांस्कृतिक रूपांतरण की आवश्यकता है और यहीं से सामाजिक विज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।''''
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इंफोसिस के संस्थापक मूर्ति ने भारत की "बड़ी समस्याओं" से निपटने में अग्रिम पंक्ति के अनुसंधान योद्धाओं को पहचानने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
मूर्ति ने यहां इंफोसिस साइंस फाउंडेशन (आईएसएफ) की नयी इमारत के उद्घाटन के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए कहा, ''''हमारा देश वैज्ञानिक एवं अभियांत्रिकीय प्रगति कर रहा है। हमने अंतरिक्ष में रॉकेट और सैटेलाइट भेजे हैं। हमने इस्पात संयंत्र, ऊर्जा संयंत्र और बड़े-बड़े बांध बनाए हैं। हमने कोविड-19 रोधी टीकों का उत्पादन किया है। हमने हृदय और गुर्दा प्रतिरोपण किये हैं, लेकिन भारत को एक अरब 40 करोड़ की आबादी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, पोषण और आश्रय से संबंधित बड़ी समस्याओं के समाधान के लिए अब भी लंबा रास्ता तय करना है।''''
उन्होंने कहा, ''''विज्ञान, गणित और इंजीनियरिंग में रुचि रखने वाले लोगों के रूप में, हमें यह सोचना चाहिए कि विज्ञान, गणित और इंजीनियरिंग हमारी बड़ी समस्याओं को कैसे हल कर सकते हैं। मैं समझता हूं कि ऐसी बड़ी समस्याओं को केवल विज्ञान, गणित और इंजीनियरिंग से हल नहीं किया जा सकता। इसके लिए भारतीय मानसिकता के सांस्कृतिक रूपांतरण की आवश्यकता है और यहीं से सामाजिक विज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।''''
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