अभी सुधार बुरे लग सकते हैं, लेकिन समय आने पर फायदा मिलेगा : मोदी
punjabkesari.in Monday, Jun 20, 2022 - 06:22 PM (IST)
बेंगलुरु, 20 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि फैसले और सुधार अस्थायी रूप से अप्रिय हो सकते हैं लेकिन समय के साथ देश को उनका लाभ महसूस होगा।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का भारत धन, नौकरी देने वालों और नवोन्मेषियों का है जो देश की असली ताकत हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें पिछले आठ साल से प्रोत्साहित कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "स्टार्टअप और नवोन्मेष का रास्ता आसान नहीं है, तथा पिछले आठ वर्षों से देश को इस रास्ते पर आगे ले जाना भी आसान नहीं था। कई फैसले और सुधार अस्थायी रूप से अप्रिय हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ देश को उनके लाभों का अनुभव होगा।’’
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी सेनाओं में भर्ती के लिए केंद्र द्वारा घोषित नयी योजना ''अग्निपथ'' के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में आई है।
उन्होंने विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन या शिलान्यास करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "सुधारों का मार्ग ही हमें नए लक्ष्यों और नए संकल्प की ओर ले जा सकता है... हमने अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र को खोल दिया है जो दशकों तक सरकारी नियंत्रण में थे।"
मोदी ने कहा कि बेंगलुरू ने दिखाया है कि अगर सरकार सुविधाएं दे और नागरिकों के जीवन में कम हस्तक्षेप करे तो भारतीय युवा क्या कुछ हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु भारत के युवाओं और उद्यमिता के लिए सपनों का नगर है तथा नवाचार और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों का सही उपयोग इसके मुख्य कारण हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, "बेंगलुरु उन लोगों को अपनी मानसिकता बदलना सिखाता है जो आज भी भारत के निजी क्षेत्र और निजी उद्यम को नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं...।’’ उन्होंने कहा कि "डबल इंजन" सरकार ने जो वादा किया था, उसे आज साकार होते देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज शुरू की गई परियोजनाएं जीवन की सुगमता और व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ावा देंगी।
मोदी ने कहा कि बेंगलुरू ''एक भारत, श्रेष्ठ भारत'' का सच्चा प्रतिबिंब है तथा शहर की प्रगति लाखों लोगों के सपनों से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार शहर के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु के लिए उपनगरीय रेलवे परियोजना के कार्यान्वयन में 40 वर्ष की देरी हुई और यदि वे समय पर पूरे हो जाते तो शहर के बुनियादी ढांचे पर इतना दबाव नहीं पड़ता।
उन्होंने कहा, "मैं समय बर्बाद नहीं करना चाहता और एक एक मिनट काम करूंगा..."
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का भारत धन, नौकरी देने वालों और नवोन्मेषियों का है जो देश की असली ताकत हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें पिछले आठ साल से प्रोत्साहित कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "स्टार्टअप और नवोन्मेष का रास्ता आसान नहीं है, तथा पिछले आठ वर्षों से देश को इस रास्ते पर आगे ले जाना भी आसान नहीं था। कई फैसले और सुधार अस्थायी रूप से अप्रिय हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ देश को उनके लाभों का अनुभव होगा।’’
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी सेनाओं में भर्ती के लिए केंद्र द्वारा घोषित नयी योजना ''अग्निपथ'' के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में आई है।
उन्होंने विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन या शिलान्यास करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "सुधारों का मार्ग ही हमें नए लक्ष्यों और नए संकल्प की ओर ले जा सकता है... हमने अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र को खोल दिया है जो दशकों तक सरकारी नियंत्रण में थे।"
मोदी ने कहा कि बेंगलुरू ने दिखाया है कि अगर सरकार सुविधाएं दे और नागरिकों के जीवन में कम हस्तक्षेप करे तो भारतीय युवा क्या कुछ हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु भारत के युवाओं और उद्यमिता के लिए सपनों का नगर है तथा नवाचार और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों का सही उपयोग इसके मुख्य कारण हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, "बेंगलुरु उन लोगों को अपनी मानसिकता बदलना सिखाता है जो आज भी भारत के निजी क्षेत्र और निजी उद्यम को नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं...।’’ उन्होंने कहा कि "डबल इंजन" सरकार ने जो वादा किया था, उसे आज साकार होते देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज शुरू की गई परियोजनाएं जीवन की सुगमता और व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ावा देंगी।
मोदी ने कहा कि बेंगलुरू ''एक भारत, श्रेष्ठ भारत'' का सच्चा प्रतिबिंब है तथा शहर की प्रगति लाखों लोगों के सपनों से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार शहर के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु के लिए उपनगरीय रेलवे परियोजना के कार्यान्वयन में 40 वर्ष की देरी हुई और यदि वे समय पर पूरे हो जाते तो शहर के बुनियादी ढांचे पर इतना दबाव नहीं पड़ता।
उन्होंने कहा, "मैं समय बर्बाद नहीं करना चाहता और एक एक मिनट काम करूंगा..."
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