प्रधानमंत्री के कर्नाटक दौरे से पहले सिद्धरमैया ने उठाए कई मुद्दे

punjabkesari.in Monday, Jun 20, 2022 - 01:20 PM (IST)

बेंगलुरु, 20 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे से पहले राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने मेकेदातु परियोजना को मंजूरी देने में देरी और हिंदी को कथित रूप से ‘‘थोपने’’ जैसे कई मुद्दों पर मोदी से सवाल किए।
मोदी ऐसे समय में राज्य के दौरे पर आ रहे हैं, जब अगले वर्ष विधानसभा चुनाव के कारण राज्य में राजनीतिक माहौल गर्माने लगा है। इस चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने 255 सदस्यीय विधानसभा में 150 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य रखा है।

सिद्धरमैया ने ट्वीट कर सवाल किया, ‘‘कर्नाटक के लोग मेकेदातु परियोजना के कार्यान्वयन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। केंद्र सरकार परियोजना को मंजूरी देने की अनिच्छुक क्यों है?’’
उन्होंने सवाल किया कि क्या कर्नाटक के प्रति तमिलनाडु का ‘‘दबाव या पूर्वाग्रह’’ इसके कारण तो नहीं हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी ने किसानों से ‘‘माफी मांगी’’ और किसान विरोधी कानूनों को निरस्त कर दिया, ‘‘लेकिन आपकी राज्य सरकारों ने अभी तक उन्हें निरस्त नहीं किया है। क्या यह सिर्फ आंखों में धूल झोंकना था या मोदी अपने राज्य के समकक्षों को भी इसे निरस्त करने के लिए कहेंगे?’’
उन्होंने आरोप लगाया कि बेंगलुरु उपनगरीय रेल परियोजना में ‘‘नीतिगत रूप से केंद्र सरकार के पंगु होने के कारण देरी’’ हुई। कांग्रेस नेता ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री इस ‘‘देरी’’ का कारण बताएंगे?
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार को बेंगलुरु उपनगरीय रेल परियोजना को लागू करने की लागत का 20 प्रतिशत प्रदान करना होगा। क्या मोदी सरकार ने परियोजना की लागत का 20 प्रतिशत जारी किया है या यह विधानसभा चुनाव से पहले सिर्फ दिखावे के लिए है?’’
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यों को हिंदी को संचार की भाषा के रूप में इस्तेमाल करने के लिए कहकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी को ‘‘जबरदस्ती थोपने’’ की कोशिश की। उन्होंने कन्नड़ पहचान पर मोदी का रुख जानना चाहा।

सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘क्या आपकी चुप्पी का मतलब शाह के बयान को स्वीकृति है?’’
राज्य ठेकेदार संघ द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र की ओर इशारा करते हुए उन्होंने राज्य में उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर ‘‘40 प्रतिशत कमीशन लेकर भ्रष्टाचार करने’’ का आरोप लगाया और सवाल किया, ‘‘यदि ‘ना खाऊंगा, न खाने दूंगा’ के आपके दावों में सच्चाई है, जो इन आरोपों की जांच कब करवाएंगे?’’
उन्होंने 15वें वित्त आयोग के तहत कर्नाटक को विशेष अनुदान देने से ‘‘इनकार’’ किए जाने, वस्तु एवं सेवा कर मुआवजे, राज्य के लिए केंद्र के हिस्से की धनराशि में ‘‘कमी’’ जैसे मुद्दों को भी उठाया।

इसके अलावा, सिद्धरमैया ने बी आर आंबेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (बेस) के नए परिसर के उद्घाटन की शुभकामनाएं देते हुए इस बात को रेखांकित करने की कोशिश की कि उनके नेतृत्व वाले कांग्रेस शासन के दौरान इसकी कल्पना की गई थी।



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