‘पदयात्रा’ के लिए ली गयी अनुमति का ब्योरा दे कांग्रेस : कर्नाटक उच्च न्यायालय

punjabkesari.in Wednesday, Jan 12, 2022 - 07:32 PM (IST)

बेंगलुरु, 12 जनवरी (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) को 14 जनवरी तक यह बताने का निर्देश दिया कि क्या उन्होंने रामनगर जिले के मेकेदातु में कावेरी नदी पर जलाशय की मांग को लेकर ''वॉक फॉर वॉटर'' कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति ली है।

मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की खंडपीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को शुक्रवार से पहले यह बताने का निर्देश दिया कि केपीसीसी को रैली आयोजित करने की अनुमति कैसे दी गई।

खंडपीठ ने सरकार से यह भी पूछा कि केपीसीसी को रैली आयोजित करने से रोकने के लिए उसने क्या उपाय किये थे? अदालत ने कांग्रेस को भी यह बताने के लिए कहा है कि क्या उनके कार्यकर्ता कोविड उपायों का अनुपालन कर रहे हैं, जैसे- मास्क पहनना और सामाजिक दूरी का पालन करना।
ए. वी. नागेन्द्र ने अधिवक्ता श्रीधर प्रभु के जरिये याचिका दायर की है।
कर्नाटक में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर गत चार जनवरी को राज्य सरकार ने प्रदेश में विरोध प्रदर्शनों और लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद कांग्रेस ने मेकेदातु परियोजना के क्रियान्वयन की मांग को लेकर नौ जनवरी को 10-दिवसीय ‘पदयात्रा’ शुरू की थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार कोरोनोवायरस मामलों की संख्या बढ़ाकर बता रही है और वह पार्टी के कार्यक्रम को खराब करने की कोशिश कर रही है।

कर्नाटक सरकार ने कहा कि वह अदालत द्वारा की गई टिप्पणियों की समीक्षा करेगी और उसके अनुसार कार्रवाई शुरू करेगी।

राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री और मैंने इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियों का संज्ञान लिया है। हमने महाधिवक्ता से अदालत की टिप्पणियों का विवरण मांगा है। हम इसका अध्ययन करेंगे और तदनुसार निर्णय लेंगे।’’
ज्ञानेंद्र ने उठाए गए कदमों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि पदयात्रा का नेतृत्व करने वालों के खिलाफ कई प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।

मंत्री ने कहा कि उच्च न्यायालय ने सरकार को एक दिन का समय दिया है। इस दौरान मामले पर चर्चा की जाएगी और उसी के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस उच्च न्यायालय के ‘निर्देश’ पर अपना मार्च रोक देगी।

ज्ञानेंद्र ने कहा कि उच्च न्यायालय ने ‘जिम्मेदार विपक्ष’ कांग्रेस को एक नोटिस जारी किया है और पूछा है कि उसने ‘पदयात्रा’ की अनुमति किससे मांगी और उन्होंने अपने आंदोलन के लिए इस समय को क्यों चुना। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मुझे लगता है कि वह (कांग्रेस) इसे रोक देगी।"
यह पूछे जाने पर कि सरकार ने पदयात्रा को शुरुआत में ही क्यों नहीं रोका, मंत्री ने कहा, ‘आपका यह बयान कि इस मार्च को रोका जाना चाहिए था, यही लोगों की भी राय है। पदयात्रा के खिलाफ जनता का गुस्सा भी है। हमने उन्हें चेतावनी भी दी। इसके बावजूद, हम कार्रवाई करेंगे।’
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के नेतृत्व में, ''नम्मा नीरू नम्मा हक्कू'' (हमारा पानी, हमारा अधिकार) विषय के साथ रामनगर जिले में कनकपुरा में कावेरी और अर्कावती नदियों के संगम पर ‘पदयात्रा’ शुरू हुई और यह लगभग 139 किमी की होगी।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस पार्टी पर एक जिम्मेदार विपक्ष की तरह व्यवहार करने के बजाय मेकेदातु मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

इसके अलावा, यह आरोप लगाते हुए कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया, उन्होंने दोहराया कि उनकी सरकार परियोजना को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।



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