भारत में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की प्रक्रिया में हर स्तर पर बदलाव अवश्यंभावी : कोविंद
punjabkesari.in Sunday, Feb 07, 2021 - 06:49 PM (IST)
बेंगलुरु, सात फरवरी (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास के लिए सभी पक्षों की सक्रिय भागीदारी तथा इच्छाशक्ति एवं कार्यान्वयन के अंतर को पाटने के लिए नवाचार के उपयोग की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि भारत में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की प्रक्रिया में हर स्तर पर बदलाव अवश्यंभावी है।
राष्ट्रपति ने उम्मीद जतायी कि विश्व ने कोविड-19 से सही सबक सीखे हैं।
कोविंद ने कहा, ‘‘भारत में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की प्रक्रिया में रोकथाम, रोग की पहचान या उपचार समेत हर स्तर पर बदलाव अवश्यंभावी हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र की कोई एक इकाई परिणाम नहीं दे सकती और न ही निष्कर्ष तक पहुंच सकती है।''''
राष्ट्रपति ने राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के 23वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र का विकास सभी पक्षों की सक्रिय भागीदारी तथा इच्छाशक्ति एवं कार्यान्वयन के अंतर को पाटने के लिए नवाचार के उपयोग की आवश्यकता की मांग करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि कोविड-19 जैसे स्वास्थ्य संकट कभी कभार ही आते हैं, लेकिन वैज्ञानिकों के एक वर्ग ने आगे इस तरह की चुनौतियों के लिए तैयार रहने को आगाह किया है। दुनिया को इससे सही सबक सीखने को मिले हैं।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया भर में कोविड-19 से लोगों को अभूतपूर्व स्तर की पीड़ा और परेशानियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि देश को अपने डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों पर गर्व है, जिन्होंने अपने जीवन को खतरे में डालकर इस चुनौती का सामना किया।
उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने के भारत द्वारा उठाए गए कदमों से बेशुमार लोगों की जान बची है।
कोविंद ने कहा कि उन्हें यह जानकार प्रसन्नता हुई कि विश्वविद्यालय ने महामारी से बेहतर तरीके से निपटने के लिये डॉक्टरों से लेकर नर्सों और प्रशासकों से लेकर अस्पताल सेवा प्रदाताओं तक दो लाख स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने कहा कि भारत में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की प्रक्रिया में हर स्तर पर बदलाव अवश्यंभावी है।
राष्ट्रपति ने उम्मीद जतायी कि विश्व ने कोविड-19 से सही सबक सीखे हैं।
कोविंद ने कहा, ‘‘भारत में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की प्रक्रिया में रोकथाम, रोग की पहचान या उपचार समेत हर स्तर पर बदलाव अवश्यंभावी हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र की कोई एक इकाई परिणाम नहीं दे सकती और न ही निष्कर्ष तक पहुंच सकती है।''''
राष्ट्रपति ने राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के 23वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र का विकास सभी पक्षों की सक्रिय भागीदारी तथा इच्छाशक्ति एवं कार्यान्वयन के अंतर को पाटने के लिए नवाचार के उपयोग की आवश्यकता की मांग करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि कोविड-19 जैसे स्वास्थ्य संकट कभी कभार ही आते हैं, लेकिन वैज्ञानिकों के एक वर्ग ने आगे इस तरह की चुनौतियों के लिए तैयार रहने को आगाह किया है। दुनिया को इससे सही सबक सीखने को मिले हैं।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया भर में कोविड-19 से लोगों को अभूतपूर्व स्तर की पीड़ा और परेशानियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि देश को अपने डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों पर गर्व है, जिन्होंने अपने जीवन को खतरे में डालकर इस चुनौती का सामना किया।
उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने के भारत द्वारा उठाए गए कदमों से बेशुमार लोगों की जान बची है।
कोविंद ने कहा कि उन्हें यह जानकार प्रसन्नता हुई कि विश्वविद्यालय ने महामारी से बेहतर तरीके से निपटने के लिये डॉक्टरों से लेकर नर्सों और प्रशासकों से लेकर अस्पताल सेवा प्रदाताओं तक दो लाख स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है।
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