रक्षा मंत्री एचएएल की दूसरी एलसीए उत्पादन श्रृंखला का मंगलवार को करेंगे उद्घाटन
punjabkesari.in Monday, Feb 01, 2021 - 12:39 PM (IST)
बेंगलुरु, एक फरवरी (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) की दूसरी उत्पादन श्रृंखला का यहां मंगलवार को उद्घाटन करेंगे।
एचएएल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इस समारोह का आयोजन एरो इंडिया 2021 की शुरुआत से एक दिन पहले किया जाएगा। देश की प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी ‘एरो इंडिया 2021’ का आयोजन यहां बुधवार से वायुसेना स्टेशन येलहंका में किया जाएगा।
एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर माधवन ने हाल में कहा था कि भारतीय वायुसेना को तेजस एलसीए की आपूर्ति मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी और कुल 83 विमानों की आपूर्ति होने तक हर वर्ष करीब 16 विमानों की आपूर्ति की जाएगी।
माधवन ने कहा था कि कई देशों ने तेजस विमान खरीदने में रुचि दिखाई है और अगले कुछ वर्षों में पहला निर्यात ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति (सीसीएस) ने 13 जनवरी को 48,000 करोड़ रुपये की लागत से 73 तेजस एमके-1ए विमान और 10 एलसीए तेजस एमके-1 प्रशिक्षण विमान एचएएल से खरीदने को मंजूरी दी ताकि भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता को और मजबूत बनाया जा सके।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एचएएल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इस समारोह का आयोजन एरो इंडिया 2021 की शुरुआत से एक दिन पहले किया जाएगा। देश की प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी ‘एरो इंडिया 2021’ का आयोजन यहां बुधवार से वायुसेना स्टेशन येलहंका में किया जाएगा।
एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर माधवन ने हाल में कहा था कि भारतीय वायुसेना को तेजस एलसीए की आपूर्ति मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी और कुल 83 विमानों की आपूर्ति होने तक हर वर्ष करीब 16 विमानों की आपूर्ति की जाएगी।
माधवन ने कहा था कि कई देशों ने तेजस विमान खरीदने में रुचि दिखाई है और अगले कुछ वर्षों में पहला निर्यात ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति (सीसीएस) ने 13 जनवरी को 48,000 करोड़ रुपये की लागत से 73 तेजस एमके-1ए विमान और 10 एलसीए तेजस एमके-1 प्रशिक्षण विमान एचएएल से खरीदने को मंजूरी दी ताकि भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता को और मजबूत बनाया जा सके।
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