इसरो के शीर्ष वैज्ञानिक ने तीन साल पहले जहर दिये जाने का दावा किया
punjabkesari.in Wednesday, Jan 06, 2021 - 02:54 PM (IST)
बेंगलुरु, छह जनवरी (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें तीन साल से अधिक समय पहले जहर दिया गया था।
तपन मिश्रा ने आरोप लगाया कि उन्हें 23 मई, 2017 को यहां इसरो मुख्यालय में पदोन्नति साक्षात्कार के दौरान घातक ‘आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड’ जहर दिया गया था।
उन्होंने कहा, ''''दोपहर के भोजन के बाद ‘स्नैक्स’ में संभवत: डोसे की चटनी के साथ मिलाकर जहर दिया गया था।'''' मिश्रा फिलहाल इसरो में वरिष्ठ सलाहकार के तौर पर काम कर रहे हैं और इस महीने के अंत में सेवानिवृत होने वाले हैं।
उन्होंने फेसबुक पर ''लॉंग केप्ट सीक्रेट'' नाम से एक पोस्ट में यह दावा किया कि जुलाई, 2017 में गृह मामलों के सुरक्षाकर्मियों ने उनसे मुलाकात कर आर्सेनिक जहर दिये जाने के प्रति उन्हें सावधान किया था।
मिश्रा ने दावा किया कि उन्हें सांस लेने में कठिनाई, त्वचा का फटना, त्वचा में जलन जैसी कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो गई थी।
उन्होंने सोशल मीडिया पर चिकित्सकीय रिपोर्ट भी साझा की और दावा किया कि नयी दिल्ली एम्स में उनका ‘आर्सेनिक’ जहर दिए जाने संबंधी इलाज चला था।
मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ मैं चाहता हूं कि भारत सरकार इस घटना की जांच करे।’’ मिश्रा के दावें पर इसरो ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
तपन मिश्रा ने आरोप लगाया कि उन्हें 23 मई, 2017 को यहां इसरो मुख्यालय में पदोन्नति साक्षात्कार के दौरान घातक ‘आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड’ जहर दिया गया था।
उन्होंने कहा, ''''दोपहर के भोजन के बाद ‘स्नैक्स’ में संभवत: डोसे की चटनी के साथ मिलाकर जहर दिया गया था।'''' मिश्रा फिलहाल इसरो में वरिष्ठ सलाहकार के तौर पर काम कर रहे हैं और इस महीने के अंत में सेवानिवृत होने वाले हैं।
उन्होंने फेसबुक पर ''लॉंग केप्ट सीक्रेट'' नाम से एक पोस्ट में यह दावा किया कि जुलाई, 2017 में गृह मामलों के सुरक्षाकर्मियों ने उनसे मुलाकात कर आर्सेनिक जहर दिये जाने के प्रति उन्हें सावधान किया था।
मिश्रा ने दावा किया कि उन्हें सांस लेने में कठिनाई, त्वचा का फटना, त्वचा में जलन जैसी कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो गई थी।
उन्होंने सोशल मीडिया पर चिकित्सकीय रिपोर्ट भी साझा की और दावा किया कि नयी दिल्ली एम्स में उनका ‘आर्सेनिक’ जहर दिए जाने संबंधी इलाज चला था।
मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ मैं चाहता हूं कि भारत सरकार इस घटना की जांच करे।’’ मिश्रा के दावें पर इसरो ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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