J&K में बड़े हमले करने की फिराक में थे आतंकी, CRPF ने मंसूबों को किया नाकाम: DG माहेश्वरी
punjabkesari.in Sunday, Feb 02, 2020 - 12:12 PM (IST)
जम्मू: सीआरपीएफ के महानिदेशक ए पी माहेश्वरी ने कहा कि पुलिस के साथ एक भीषण गोलाबारी में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों से बरामद हथियारों और विनाशकारी विस्फोटकों की मात्रा से स्पष्ट है कि वे कई बड़े हमले करने में फिराक में थे। लेकिन सीआरपीएफ ने इस हमले को नाकाम कर दिया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टालरेंस' पर अमल करते हुए प्रदेश में शांति और सामान्य स्थिति की बहाली के लिए लगातार लड़ रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के सतर्क कर्मियों ने शुक्रवार को एक बड़े हमले को विफल कर दिया। पुलिस ने तड़के एक ट्रक को रोका जिसे जम्मू के पास 2019 पुलवामा हमले के हमलावर का चचेरा भाई चला रहा था। इसमें जैश के तीन आतंकी छिपे हुए थे।
माहेश्वरी ने सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक जुल्फिकार हसन के साथ नगरोटा में मुठभेड़ स्थल का दौरा किया और आतंकवादियों के मंसूबे नाकाम करने के लिए स्थानीय पुलिसकर्मियों के साथ तेजी से काम करने वाले बल के जवानों को बधाई दी। सीआरपीएफ प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा कि सभी सुरक्षा एजेंसियां लगातार अपना काम कर रही हैं। हम किसी घटना के होने का इंतजार नहीं करते बल्कि उन्हें (आतंकवादियों) खोजकर ढेर करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। माहेश्वरी ने कहा, 'उनके पास से बरामद हथियारों और विनाशकारी सामग्री को देखकर लगता है कि कुछ भी हो सकता था।'
प्रारंभिक जांच का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि आतंकवादी कई बड़े हमले करने में सक्षम थे। आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के लिए ट्रकों का उपयोग करने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की ओर से कोई ढिलाई नहीं थी। उन्होंने कहा, ' सुरक्षा बल आतंकवादियों को हमलों से रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं। दुश्मन सुरक्षा प्रणाली में सेंध के लिए विभिन्न तरीके आजमा रहे हैं।' अधिकारी ने कहा, 'हम संघर्ष वाले क्षेत्र में हैं और कुछ भी नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। हमें अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है और सभी सुरक्षा एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। सभी बल जिम्मेदारी और समर्पण के साथ अपना काम कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि इस अभियान की मुख्य बात यह थी कि इसमें ट्रक चालक और एक सहायक को जीवित पकड़ा गया था ताकि आगे की योजनाओं के बारे में उनसे पूछताछ की जा सके।