अमरनाथ यात्रा पर हमला देश में परिस्थितियों को बिगाड़ने की चाल

punjabkesari.in Friday, Jul 14, 2017 - 01:47 PM (IST)

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में यात्रियों पर उग्रवादी हमले को षड्यंत्र का एक भाग माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य न केवल इस राज्य में साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाडना था, बल्कि इसे देश में परिस्थितियों को बिगाडऩे की एक चाल माना जा रहा है, क्योंकि अमरनाथ की यात्रा के लिए यात्री देश के कौने-कौने से आ रहे हैं। जिस तरह सभी सम्प्रदायों के लोगों ने इस आक्रमण की निंदा की है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसे अमानवीय कृत बताया है, उससे परेशान होकर अलगाववादी और उनके समर्थक बगले झांकने लगे हैं और इसे सरकार की ही चाल कह कर पल्ला झाडने की कोशिश की जा रही है।

 

उग्रवादियों का यह आक्रमण पहली बार नहीं हुआ है। 2001 में तो 3 दर्जन के लगभग यात्रियों को मौत की नींद सुला दिया गया था और उसके पश्चात भी कई ऐसे प्रयास किए गए, लेकिन लोगों ने ऐसे आक्रमणों की निंदा तो की, मगर साम्प्रदायिकता के वातावरण को बिगाडने नहीं दिया। अब की बार तो हिन्दुओं और सिखों से भी कहीं अधिक मुसलमान नेताओं ने इस कृत्य को गैर-सरकारी हरकत बताया और इसे कश्मीरियत पर एक धब्बा कहा। चारों ओर हो रही निंदा को ध्यान में रखते हुए कुछ बड़े राजनेताओं को भी इसे कायरता और अमानवीय हरकत कहना पड़ा। यही लोग अब बंदूकधारियों और पत्थरबाजों को कश्मीर की आजादी के लिए लडऩे वाले मुजाहिद कहने लगे हैं। पर्यवेक्षकों का कहना है कि शांति और भाईचारे को बिगाडने की यह चाल तो लोगों के जागरूक होने के कारण असफल हो गई है, मगर खतरा अब भी बना हुआ है। इस संबंध आगामी दिन महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं जिसे ध्यान में रखते हुए यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के अतिरिक्त उस पार की घुसपैठ को रोकने के लिए भी नियंत्रण रेखा और जम्मू सीमा के साथ सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखना होगा। 


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