J&K: PSA हटाए जाने के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा, अब मैं आजाद हूं
punjabkesari.in Friday, Mar 13, 2020 - 05:10 PM (IST)
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद नजरबंद पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को इससे आजादी मिल गई है। करीब 6 महीने बाद सरकार ने उनकी नजरबंदी को खत्म किया है। हालांकि, वह अभी भी घर में नजरबंद रहेंगे। PSA की रिहाई के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आज से मैं आजाद हूं। मेरे पास कहने को शब्द नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं आज उन सभी सांसदों का धन्यवाद अदा करता हूं जिन्होंने मेरे रिहाई के लिए लड़ाई लड़ी। अब मैं दिल्ली जा सकूंगा और संसद में आपकी बात को उठा सकूंगा मेरी यह आजादी तब तक पूरी नहीं होगी जब तक हमारे सारे नेता आजाद नहीं होते। मैं सरकार से उम्मीद करता हूं जल्द ही सभी लोगों को रिहा किया जाएगा।
#WATCH NC MP Farooq Abdullah released from detention, says," I'm grateful to people of the State&all leaders&people in the rest of the country who spoke for our freedom. This freedom will be complete when all leaders are released. I hope GoI will take action to release everyone". pic.twitter.com/zKS6EamydV
— ANI (@ANI) March 13, 2020
जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव रोहित कंसल ने ट्वीट कर जानकारी दी कि प्रशासन ने फारूक अब्दुल्ला के ऊपर से सारे पीएसए कानून के प्रतिबंध हटाने का निर्देश जारी किए हैं। जारी आदेश के मुताबिक श्रीनगर के जिलाधिकारी द्वारा 15 सितम्बर को जारी पीएसए और फिर 13 दिसम्बर को इसकी अवधि तीन महीने के लिए बढ़ाए जाने को समाप्त कर दिया गया है। वहीं, फारूक की रिहाई की उनके घर पर भारी संख्या में मीडियाकर्मी वहां तैनात है। फारूक के कुछ समर्थक भी घर के बाहर पुहंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया।
अब्दुल्ला पिछले वर्ष पांच अगस्त से एहतियातन हिरासत में थे। इसी दिन केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था। वह पहले मुख्यमंत्री थे जिनके खिलाफ पीएसए लगाया गया था। यह कड़ा कानून उनके खिलाफ 15 सितम्बर को लगाया गया था। उसके कुछ घंटे पहले ही एमडीएमके नेता वाइको की याचिका पर उच्चतम न्यायालय सुनवाई करने वाला था। वाइको का दावा था कि अब्दुल्ला को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है। उन्हें जन सुरक्षा कानून के तहत नजरबंद किया गया था। इस कानून के तहत अधिकारी किसी व्यक्ति को सुनवाई के बगैर तीन महीने तक हिरासत में रख सकते हैं। इसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के संरक्षक को रिहा करने का निर्णय शुक्रवार को तीन महीने की अवधि बीतने से पहले किया गया है।
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